उत्तराखंड : मध्य प्रदेश 785 टाइगर की संख्या के साथ फिर बना चैंपियन, कर्नाटक 563 की संख्या के साथ दूसरे स्थान पर
उत्तराखंड 560 टाइगर के साथ तीसरे नंबर और चौथे नंबर 444 टाइगर के साथ महाराष्ट्र रहा
सभी 53 बाघ अभयारण्यों के राज्यवार आंकड़े जारी किए गए
रामनगर, 29 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड के रामनगर के ढिकुली में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की सीमा पर स्थित एक होटल में शनिवार को ग्लोबल टाइगर दिवस पर आयोजित सम्मेलन में देश के सभी 53 बाघ अभयारण्यों का परिणाम राज्यवार आंकड़े जारी किए गए। पिछली बार की तरह इस बार भी मध्य प्रदेश बाघों की संख्या के मामले में चैंपियन बना हुआ है। कर्नाटक और उत्तराखंड क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
देश के टाइगर रिजर्वों में कॉर्बेट में 260 बाघ होने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2018 में यहां 231 बाघ थे। उत्तराखंड प्रदेश में कुल बाघ बढ़कर 560 हो गए हैं, जबकि वर्ष 2018 में यह संख्या 442 थी। उत्तराखंड के दूसरे टाइगर रिजर्व राजाजी में बाघों की संख्या 54 बताई गई है, इससे पहले यहां 38 बाघ पाए गए थे। देश भर के लगभग सभी जोनों में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
भारत के सभी टाइगर रिजर्व में कैमरा ट्रैप से बाघों की गणना की गई थी। इसमें पता चला कि भारत में बाघों की सबसे बड़ी आबादी मध्य प्रदेश में हैं। यहां पर इस समय 785 टाइगर हैं। इसके बाद कर्नाटक दूसरे स्थान पर है। यहां पर बाघों की संख्या 563 है जबकि में उत्तराखंड तीसरे नंबर पर हैं। यहां पर 560 टाइगर हैं। चौथे नंबर पर महाराष्ट्र में है, जहां 444 टाइगर हैं। इस मौके पर विशिष्ट अतिथियों, अतिथियों के साथ बाघ अभयारण्यों के निदेशक,उपनिदेशक व मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक भी मौजूद रहे।