सूरत : गुजरात में एक ही व्यक्ति में हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण की पहली घटना अहमदाबाद में हुई

अहमदाबाद के के.डी. अस्पताल में मेहसाणा के एक 60 वर्षीय निवासी में  हृदय और फेफड़े का प्रत्यारोपण किया गया

सूरत : गुजरात में एक ही व्यक्ति में हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण की पहली घटना अहमदाबाद में हुई

डोनेटलाइफ संस्था की ओर से एक ही दिन में सूरत के आईएनएस हॉस्पिटल और किरण हॉस्पिटल से दो और अंगदान किए गए हैं। ब्रेनडेड पंकज कुमार गोयल के परिवार ने पंकज कुमार का हृदय, फेफड़े, लीवर और किडनी दान की तथा ब्रेनडेड उत्तम दिनदयाल गुप्ता के परिवार ने उत्तम का लीवर और आंखें डोनेट लाइफ के माध्यम से सात लोगों को दान कीं और नवजीवन बख्शा। मानवता की खुशबू फैलाकर समाज को एक नई दिशा दिखाई। 

इसके साथ ही नीलेश मांडलेवाला ने कहा है कि गुजरात में एक ही व्यक्ति में हृदय और फेफड़े प्रत्यारोपित करने का यह पहला मामला है। गुजरात में पहली बार, अहमदाबाद के के.डी. अस्पताल में मेहसाणा के एक 60 वर्षीय निवासी में  हृदय और फेफड़े का प्रत्यारोपण किया गया है। डोनेट लाइफ संस्था अब तक देश-विदेश के 1050 से अधिक लोगों को अलग-अलग अंग दान कर नई जिंदगी देने में सफल रही है। कपड़ा और हीरा नगरी के नाम से मशहूर सूरत अब देश में अंग दाता शहर के रूप में ख्याति प्राप्त कर रहा है।

पंकज कुमार (उम्र 46) के परिवार ने कहा कि वह कलकत्ता का निवासी है और वर्तमान में  फ्लैट नंबर सी - 802, स्तुति आइकन, स्तुति हाइलैंड्स के पास, पालनपुर ग्राम रोड पर रहते है। पंकज कुमार भटपोर ​​में एस्सार ग्रुप की सिरोस एनर्जी कंपनी में सीएफओ के पद पर कार्यरत थे। पंकज कुमार (उम्र 46) के परिवार में उनके पिता हरिकृष्ण (उम्र 74), मां पुष्पादेवी (उम्र 69), पत्नी श्रुतकीर्ति (उम्र 45), बेटी अदित्री (उम्र 13) हैं। बेटी अदित्री हजीरा के एएमएनएस इंटरनेशनल स्कूल में 8वीं कक्षा में पढ़ती है। 5 जुलाई को परिवार के सदस्यों को सिरदर्द और शरीर में कमजोरी के कारण बीएपीएस प्रमुखस्वामी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सीटी स्कैन और एमआरआई से ब्रेन स्ट्रोक का पता चला।  परिवार उन्हें आगे के इलाज के लिए आईएनएस अस्पताल में एक न्यूरोफिजिशियन के पास ले गया। पंकज कुमार की पत्नी श्रुतकीर्ति ने कहा कि मेरे पति ब्रेन डेड हैं, उनकी मौत निश्चित है। शरीर राख हो जाएगा, अगर मेरे पति के अंगों के दान से ऑर्गन फेल्योर के मरीजों को नई जिंदगी मिलती है, तो मेरे लिए अंगदान करना पुण्य का काम है। 

दूसरे मामले में 31 वर्षीय उत्तम दीनदयाल गुप्ता, जो राजस्थान के निवासी हैं और वर्तमान में ए-702, रामबाग पैलेस, पर्वत पाटिया, डुंभाल, सूरत में रहते हैं और कपड़ा व्यापार में लगे हुए थे।  9 जुलाई की शाम 6 बजे वह अपने घर की बालकनी से नीचे गिर गये और सिर में गंभीर चोट लगने से बेहोश हो गये। परिजन तुरंत उतमभाई को 108 के जरिए किरण अस्पताल ले गए। जहां 12 जुलाई को डॉक्टरों की टीम ने उत्तम को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। उत्तम के पिता दीनदयाल ने कहा कि मेरा बेटा ब्रेन डेड है और उसकी मौत निश्चित है। जब शरीर जलकर राख होने वाला है तो हमें उम्मीद है कि मेरे बेटे के अंग दान कर ऑर्गन फेलियर मरीज को नई जिंदगी मिलेगी। उत्तम के परिवार में पिता दीनदयाल उम्र 61, जो कपड़ा व्यापार करते हैं और अग्रवाल समाज पर्वत पाटिया के ट्रस्टी हैं । माता संतोष 60 वर्ष की हैं ।


सूरत के आईएनएस अस्पताल से अहमदाबाद तक 286 किमी का अंतर110 मिनट में  हवाई मार्ग से पुरा कर  गुजरात में पहली बार हृदय और फेफड़े का प्रत्यारोपण मेहसाणा निवासी  60 साल के एक शख्स में अहमदाबाद के के.डी हॉस्पिटल के डॉ. संदीप अत्तावर एवं उनकी टीम द्वारा किया गया।

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