पोरबंदर से 320 किमी दूर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय, द्वारका-ओखा से 2500 लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए

सौराष्ट्र के बंदरगाहों पर 9 और 10 नंबर का सिग्नल, -स्टैंड बाई पर एसडीआरएफ-एनडीआरएफ टीमें

पोरबंदर से 320 किमी दूर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय, द्वारका-ओखा से 2500 लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए

कच्छ में 3 दिनों के लिए स्कूल-कॉलेज बंद

अहमदाबाद, 12 जून (हि.स.)। अरब सागर में निर्मित बिपरजॉय चक्रवाती तूफान धीरे-धीरे विकराल रूप धारण करने लगा है। चक्रवात का लोकेशन अभी पोरबंदर से 320 किलोमीटर, नलिया से 440 किलोमीटर और द्वारका से 360 किलोमीटर दूर है। तूफान कच्छ के मांडवी और पाकिस्तान के कराची की ओर बढ़ रहा है।

तूफान के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन ने समुद्र किनारे के लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। द्वारका जिले के ओखा से 2500 लोगों को वहां से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। समीप के रूपेण बंदर प्राथमिक स्कूलों में सभी के रहने की व्यवस्था की गई है। इनमें अधिकांश वृद्ध, बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। द्वारका और ओखा से लोगों को हटाया जा रहा है। आसपास के सभी गांवों को अलर्ट कर स्थालांतरण का काम पूरी तरह से तहसीलदार की देखरेख में किया जा रहा है।

15 जून को कच्छ व कराची के बीच पहुंच सकता है

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 15 जून को बिपरजॉय कच्छ के मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच टकरा सकता है। इसकी वजह से गुजरात से सटे सभी समुद्री किनारों को अलर्ट कर दिया गया है। मौसम विभाग ने 15 और 16 जून को कच्छ, जामनगर और देवभूमि द्वारका के लिए तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है।

पोरबंदर में सबसे अधिक खतरे का सिग्नल लगाया गया

प्रशासन ने कच्छ के समुद्र किनारे के क्षेत्रों में सावधानी के तौर पर धारा 144 लगा दी है। कच्छ में प्राथमिक, माध्यमिक स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित किया गया है। द्वारका, जामनगर और कच्छ के सभी बंदरगाहों पर 10 नंबर का सिग्नल लगाया गया है। पोरबंदर में 9 नंबर का सबसे अधिक खतरे का सिग्नल लगाया गया है।

मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने संबंधित मंत्रियों को समुद्र किनारे के जिलों की अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है। एक दिन पूर्व रविवार को जूनागढ़ के मांगरोल समुद्र में भारी तूफान देखा गया। 15 फीट ऊंचाई तक लहरें उठ रही थी।

चक्रवाती तूफान को लेकर कच्छ में बचाव काम के लिए 4 टीमें आवंटित की गयी हैं। कच्छ में 2 एसडीआरएफ और 2 एनडीआरएफ की टीम आवंटित की गई है। एसडीआरएफ की एक और एनडीआरएफ की एक टीम नलिया में तैनात की गई है। वहीं, एनडीआरएफ की एक टीम मांडवी में तैनात की गई है।

एसडीआरएफ की 25 लोगों की टीम सोमवार सुबह भुज पहुंची है। भुज में एसडीआरएफ की टीम स्टैंड बाई रखी गई है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम समुद्री क्षेत्रों में गश्त में जुट गई है। कच्छ के नलिया स्थित पिंग्लेश्वर समुद्र किनारे समुद्री पानी बाहर की ओर आने लगा है। नलिया मरीन कमांडो टास्कफोर्स आसपास के समुद्री किनारे के लोगों की मदद के लिए साधन सामग्री के साथ तैनात है।

नलिया के समीप जखौ बंदरगाह पर एसडीआरएफ की टीम ने हालात की समीक्षा की। नलिया में लगे सभी बोर्ड हटा लिए गए हैं। कच्छ के मुंद्रा, कंडला, मांडवी और जखौ पोर्ट पर 10 नंबर का सिग्नल लगाए गए हैं। हाल कच्छ के समुद्र तटवर्ती क्षेत्र में 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवा बह रही है।


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