सूरत : जीवन लीला समाप्त करने वाले युवक ने 5 लोगों को दिया नया जीवन
सूरत में पुल से गिरे 26 वर्षीय रत्नकलाकार ब्रेनडेड
परिवार ने ब्रेनडेड युवक की किडनी, लिवर, आंखें दान की और दिखाई इंसानियत
टेक्सटाइल और डायमंड सिटी के नाम से मशहूर सूरत शहर अब देश में ऑर्गन डोनर सिटी के तौर पर मशहूर हो रहा है। किरण हॉस्पिटल से डोनेट लाइफ संस्था द्वारा सूरत का एक और अंग दान किया गया है। पुल से गिरे जेनिश वल्लभभाई गुजराती को ब्रांडेड घोषित किया गया था, इसलिए उनके परिवार ने जैनिश की किडनी, लीवर और आंखें दान कर पांच लोगों को जीवनदान दिया और समाज को एक नई दिशा दिखाई।
जिलानी ब्रिज से तापी नदी में छलांग लगा दी
मूल रूप से भावनगर के मांडवी का रहने वाला और वर्तमान में सिंगनपोर आदर्श सोसाइटी में रहने वाला जेनिश कतारगाम में एक हीरा कंपनी में प्रबंधक के रूप में कार्यरत था। जेनिश सात जून की सुबह साढ़े सात बजे ड्यूटी पर गया था। सुबह 9.30 बजे उसने साथ वाले कर्मचारी से कहा, मैं अभी नाश्ता करके आता हूं। आधे घंटे तक जब जेनिश नाश्ता करके नहीं लौटा तो आसपास खोजबीन की गई, लेकिन वह नहीं मिला। उसके बाद जेनिश के मोबाइल पर फोन किया तो एक अजनबी ने जेनीश का फोन उठाया और कहा, जिस भाई का फोन है वह भाई अभी जिलानी पुल से तापी नदी में कूदा है।
बचा लिया गया, लेकिन ब्रेन हैमरेज हो गया
दमकल कर्मियों व आसपास के मछुआरा भाइयों ने उसे बाहर निकाला और तत्काल उपचार के लिए स्मीमेर अस्पताल में भर्ती कराया। डायग्नोस्टिक सीटी स्कैन से ब्रेन हेमरेज का पता चला। परिजनों ने उसे आगे के इलाज के लिए किरण अस्पताल में भर्ती कराया, जहां कल जेनीशको मृत घोषित कर दिया गया।
परिवार अंगदान के लिए राजी हो गया
डोनेट लाइफ टीम ने जेनिश के परिवार को अंगदान की पूरी प्रक्रिया और महत्व के बारे में बताया। जेनिश के पिता वल्लभभाई और मामा अरविंदभाई ने कहा कि हम अखबारों में अंगदान की खबरें पढ़ते थे और यूट्यूब चैनल और फेसबुक पर डोनेट लाइफ के अंगदान के वीडियो देखते थे तो हमें लगा कि यह बहुत उपयोगी काम है। मरने के बाद जिस्म को राख में तब्दील होना पड़ता है, उसकी जगह अंगदान से ऑर्गन फेलियर के मरीजों को नया जीवन मिलता है।
पिता भी रत्नकलाकार हैं
उन्होंने आगे कहा कि आज हमारा बेटा ब्रेनडेड है, हमें लगेगा कि अंगदान से हमारा बेटा इस दुनिया में जी रहा है। भारी मन से उन्होंने अपने ब्रेनडेड बेटे के अंगदान के लिए हामी भरी। जैनिश के परिवार में उनके पिता वल्लभभाई हैं जो शिव इम्पेक्स में रत्नकलाकार के रूप में काम करते हैं, मां भावनाबेन, बहन जिनल और शीतल जो विवाहित हैं। भाई निखिल ऑस्ट्रेलिया में काम करता है।
अंगदान ने पांच को नया जीवन दिया
अंगदान के लिए परिवार की सहमति मिलने के बाद लिवर और किडनी सूरत के किरण अस्पताल को आवंटित कर दी गई। दान की गई किडनी अहमदाबाद निवासी 37 वर्षीय महिला में ट्रांसप्लांट की गई है, दूसरी किडनी सूरत निवासी 32 वर्षीय व्यक्ति में ट्रांसप्लांट की गई है। सूरत के किरण अस्पताल मेंनवसारी निवासी 39 वर्षीय व्यक्ति में लीवर ट्रांसप्लांट किया गया है। दान की गई आंखों का किरण अस्पताल में दो जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपण किया जाएगा।
देश-विदेश के 1042 लोगों को मिली नई जिंदगी
डोनेट लाइफ संस्था द्वारा सूरत और दक्षिण गुजरात से कुल 1135 अंगों और ऊतकों का दान किया गया है, जिसमें 470 किडनी, 202 लीवर, 46 दिल, 36 फेफड़े, 8 अग्न्याशय, 4 हाथ, 1 आंत और 368 आंखें शामिल हैं। डोनेट लाईफ के माध्यम से अभी तक देश विदेश में कुल 1042 लोगों नया जीवन और नई दृष्टि देने में सफलता प्राप्त हुई है।