अमेरिकी संसद में उठा भारतीयों को वीजा के लिए लंबे इंतजार का सवाल

21वीं सदी में अमेरिका के भारत के साथ आर्थिक, कूटनीतिक और रक्षा संबंध सबसे अहम हैं

वाशिंगटन, 08 जून (हि.स.)। भारतीयों को अमेरिकी वीजा के लिए लंबे समय तक इंतजार का सवाल अमेरिकी संसद में उठा है। अमेरिकी सांसदों ने इस सवाल के साथ भारत को अमेरिका का सबसे अहम सहयोगी बताकर इस समस्या के जल्द समाधान की मांग की है।

अमेरिकी संसद की फॉरेन रिलेशन कमेटी के चेयरमैन सीनेटर बॉब मेनेन्डेज और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष माइकल वाल्ट्ज ने संसद में भारतीयों को अमेरिकी वीजा मिलने में होने वाली देरी पर सवाल उठाया। इस दौरान मेनेनडेज ने कहा कि अमेरिकी लोगों के भारतीयों के साथ अच्छे संबंध हैं। भारत अब क्वाड का हिस्सा है और अमेरिका लगातार भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत कर रहा है। इसके बावजूद भारत में अमेरिकी वीजा के लिए लगने वाला समय सबसे ज्यादा है। यह दुनियाभर में अमेरिकी वीजा के लिए लगने वाले औसत समय से भी ज्यादा है। उन्होंने बी1-बी2 वीजा के लिए आवेदन करने वाले भारतीयों को 450-600 दिनों तक प्रतीक्षा करने की मजबूरी पर सवाल उठाए।

अमेरिकी सीनेटर माइकल वाल्ट्ज ने कहा कि 21वीं सदी में अमेरिका के भारत के साथ आर्थिक, कूटनीतिक और रक्षा संबंध सबसे अहम हैं। इसके बावजूद भारतीयों को वीजा के लिए इतना लंबा इंतजार कराना तकलीफदेह है। उन्होंने कहा कि मुंबई में औसत प्रतीक्षा काल 587 दिन हैं जबकि दोनों देशों के बीच 150 बिलियन डॉलर से ज्यादा का व्यापार होता है। वाल्ट्ज ने सवाल उठाया कि अमेरिका इस मसले पर भारत के लिए कोई विशेष नीति बनाने पर विचार कर रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि सिर्फ उनके राज्य फ्लोरिडा में भारतीयों को मिलने वाले वीजा में देरी की वजह से करीब 8 बिलियन डॉलर के व्यापार का नुकसान हुआ है और 250,000 नौकरियां प्रभावित हुई हैं।

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