सूरत  : पुलिस ने मासूम बच्ची के हाथों कराया पिता का अंतिम संस्कार 

बेटे को दंपति ने गोद लिया था लेकिन बेटी बेसहारा बन गई

सूरत  : पुलिस ने मासूम बच्ची के हाथों कराया पिता का अंतिम संस्कार 

सूरत में मां की कोरोना से मौत, पिता ने की खुदकुशी करने पर मासूम बेटी बेसहारा हो गई 

सूरत में मां की कोरोना से मौत के बाद दो दिन पहले पिता ने भी आम के पेड़ पर रस्सी से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस घटना से छह वर्षीय बेटी बेसहारा हो गई। हालांकि मां-बाप की छत्रछाया खो चुकी छह साल की मासूम बेटी का भरण-पोषण पुलिस कर रही है। बेटी की पूरी जिम्मेदारी उठाने वाली सरथाना पुलिस ने 6 साल की मासूम बेटी के हाथों पिता का अंतिम संस्कार कर इंसानियत की मिसाल पेश की है। जबकि 1 साल के बेटे को सूरत के एक दंपत्ति ने गोद लिया है।

अंतिम संस्कार में छोटे भाई को गोद लेने वाले दंपत्ति ने शिरकत की

सरथाना पुलिस के मुताबिक, लड़की के छोटे भाई को गोद लेने वाला दंपती कल आया था। उनकी उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया। अब ये कपल बच्ची की भी जिम्मेदारी लेने की बात कहकर लौट आया है। पुलिस लड़की की देखभाल कर रही है। जबकि एक अन्य दंपत्ति सरथाना पुलिस के पास बच्ची की जिम्मेदारी लेने आया है। हालांकि पुलिस सभी जरूरी कदम उठाकर बच्ची को सौंप देगी।

दो दिन पहले पिता ने की थी आत्महत्या

पुणा-सरोली बीआरटीएस जंक्शन और वनमाली जंक्शन के बीच नहर के किनारे आम के पेड़ से एक व्यक्ति का शव लटका हुआ था। मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों ने यह दृश्य देखा और शहर के पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर जानकारी दी कि आम के पेड़ से एक व्यक्ति का शव लटका हुआ है और शव के पास एक पांच -छ साल की छोटी बच्ची खड़ी है, जो लगातार रो रही है।

पिता की फंदे पर लटकी लाश देखकर बच्ची लगातार रो रही थी

लड़की की उम्र महज छह साल होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस कंट्रोल रूम से सरथाना पुलिस की पीसीआर वैन को तत्काल मौके पर रवाना किया गया। मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा की गई जांच में मासूम बच्ची ने अपना नाम नैन्सी (उम्र 6) बताया और पेड़ से लटकी लाश उसके पिता धर्मेंद्र व्रजलाल राठौड़ (उम्र 40) की है। आगे नैन्सी से और जानकारी मिलने पर पुलिस वाले और वहां मौजूद लोग हैरान रह गए।

पुलिस ने ली परिवार की जिम्मेदारी

बेसहारा 6 वर्षीय बच्ची के परिवार से कोई नहीं। लिहाजा सरथाना थाना का अमला अब बच्ची का परिजन बन गया है। बच्ची की पूरी जिम्मेदारी थाने के कर्मचारी उठा रहे हैं। पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि हम इस बच्ची की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी लेने जा रहे हैं। हालांकि, आज लड़की के असली परिवार के रूप में पुलिस को देखा जाने लगा। पुलिस ने लड़की के हाथों उसके पिता का अंतिम संस्कार कराया। पुलिस मासूम बच्ची को श्मशान घाट में ले गए और उसके हाथों पिता का अंतिम संस्कार कर दिया। 

मां की भी कोरोना में मौत हो चुकी है

पुलिस ने बताया, मृतक धर्मेंद्र भावनगर का रहने वाला था। शनिवार को वतन से लौटने के बाद पुना-सरोली बीआरटीएस वनमाली जंक्शन और जंक्शन के बीच रुका और रात में जब नैंसी सो गई तो उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। नैन्सी ने कहा कि कोरोना में उनकी मां का भी निधन हो गया था। उसके एक साल के छोटे भाई को मां के गुजर जाने के बाद सूरत के दंपित ने गोद लिया है। मां के बाद अब पिता की भी मौत हो जाने पर बेसहारा हुई नेन्सी का अब पुलिस ही परिवार बन गया है। 

 

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