जन-जन के लिए वरदान साबित हो रही है ''आयुष्मान भारत योजना''

मोदी सरकार में शुरू किए गए आयुष्मान भारत से देश के 33 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं

पटना/बेगूसराय, 06 जून (हि.स.)। दुनिया में भारत का डंका बजा रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के बेमिसाल नौ वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस दौरान समावेशी, प्रगतिशील और सतत विकास लाने के लिए समर्पित मोदी सरकार सभी नागरिकों के लिए समानता और अवसरों के सृजन की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रही।

पिछले नौ वर्षों के दौरान नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए स्वास्थ्य और आरोग्य क्षेत्र प्रमुख मुद्दों में से एक रहा है। सभी के लिए सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सरकार की प्राथमिकता रही है। भारत के नागरिकों के लिए एक वास्तविकता बन गई है। पहले कम आय वाले परिवारों के लिए चिकित्सा पर होने वाले खर्च भारी आर्थिक बोझ डाल देता था और अक्सर उन्हें कर्ज के जाल में फंसा देता था।

इस दुख को समझ कर 2018 में मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के रूप में दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम की शुरुआत की थी। यह योजना करीब करोड़ों देशवासी को इलाज खर्च के बोझ से बड़ी राहत दे रही है। जिससे आयुष्मान भारत योजना जन-जन का सुरक्षा कवच बन गया है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आयुष्मान भारत योजना शुरू किए जाने से अब गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के लोग इलाज के लिए बेचैन नहीं होते हैं। इलाज के दौरान पैसा के अभाव में लोगों की मौत नहीं होती है। मोदी सरकार में शुरू किए गए आयुष्मान भारत से देश के 33 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। आठ करोड़ से अधिक लोगों का इलाज 64 हजार करोड़ खर्च कर किया गया है।

गिरिराज सिंह ने बताया कि बिहार में इसकी गति धीमी है। इसके बावजूद एक करोड़ से अधिक लोग जुड़े तथा 18 लाख लोगों को अब तक फायदा मिला है। बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में भी साढ़े तीन लाख कार्ड बनाए जा चुके हैं। अब तक 25 हजार 294 को लाभ मिला तथा 21 करोड़ को क्लेम दिया गया है। एक बार फिर आयुष्मान भारत कार्ड बनाने की गति तेज कर दी गई है तथा वार्ड स्तर पर कैंप लगाकर कार्ड बनाए जाएंगे।

इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) डिजिटल रूप से जुड़े। स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लक्ष्य को साकार कर रहा है। 25 करोड़ से अधिक लोगों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को उनके आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता से जोड़ा गया है। डिजिटल रूप से उपलब्ध स्वास्थ्य रिकॉर्ड एबीएचए धारकों को एबीडीएम नेटवर्क में कागज रहित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम बना रहा है।

गिरिराज सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए शुरू किया गया है। कार्यान्वयन के पांच वर्ष में यह योजना चिकित्सा उपचार के लिए जेब खर्च को कम करके गरीब और कमजोर परिवारों के करोड़ों लाभार्थियों की मदद कर रही है। लगातार प्रयासों से कई मील के पत्थर हासिल करने में मदद मिली है।

आयुष्मान भारत योजना से लाभार्थी 27 विभिन्न विशिष्टताओं के तहत 1949 प्रक्रियाओं के अनुरूप उपचार का लाभ उठा सकते हैं। चिकित्सा ऑन्कोलॉजी (कैंसर उपचार), आपातकालीन देखभाल, आर्थोपेडिक एवं यूरोलॉजी (किडनी से संबंधित) बीमारियों में बड़े पैमाने पर लाभार्थियों द्वारा उपचार का लाभ उठाया गया है।

इस योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए एक सचेत प्रयास किया गया है। अनुकूल नीतियों के परिणामस्वरूप, आयुष्मान कार्ड प्राप्त करने वालों में करीब 49 प्रतिशत महिलाएं हैं। 48 प्रतिशत से अधिक महिलाओं द्वारा इसका लाभ उठाया गया है। योजना के तहत 141 से अधिक चिकित्सा प्रक्रिया विशेष रूप से महिलाओं के लिए तय है।

सदर अस्पताल आए मंसूरचक के विकास कुमार बताते हैं कि उसके पिताजी विनोद महतो दिल्ली में मजदूरी करते थे। हादसा में पैर और कमर टूट गया, पैर में स्टील लगाने के लिए ऑपरेशन में दो लाख से अधिक खर्च बताया गया। लेकिन हम मजदूर परिवार कहां से खर्च करते। इसी दौरान घर में रखे आयुष्मान भारत कार्ड की याद आई और अपने पिताजी का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज कराया। यह हमारे परिवार के लिए वरदान नहीं, भगवान साबित हुआ।

एक लाभार्थी रामप्रवेश सहनी कहते हैं कि आयुष्मान भारत ने गरीबों के इलाज के खर्च की चिंता दूर कर दिया। यह योजना जिस तरह से उनके लिए रक्षा कवच बनी है, वो किसी वरदान से कम नहीं है। इलाज के खर्च की चिंता से हम गरीब को मुक्ति मिलती है तो वो निश्चिंत होकर परिश्रम करते हैं। आयुष्मान भारत योजना और जन औषधि योजना से हर साल गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को इलाज में खर्च होने से बचत हो रही है।

Tags: Feature