गुजरात : पाकिस्तान से मुक्त हुए 200 मछुआरे वतन पहुंचे, परिजनों के आंसू छलक पड़े

भावुक कर देने वाला दृश्य तब बना जब पाकिस्तान सरकार द्वारा रिहा किए गए गुजराती मछुआरे अपनी वतन पहुंचे

पाकिस्तान द्वारा मुक्त किये गए गुजराती मछुआरे अपने वतन लौट आए हैं। इससे पहले भी पाकिस्तान ने 184 मछुआरों को रिहा किया था। जबकि इस बार करीब 200 गुजराती मछुआरों को रिहा किया गया है। ये मछुआरे पाकिस्तान में पिछले तीन साल से जेल में बंद थे। तब पाकिस्तान सरकार ने उन्हें रिहा करने का फैसला किया। मछुआरों को वाघा सीमा मत्स्य विभाग को सौंप दिया गया। वहां से मछुआरे ट्रेन से वडोदरा आये और वहां से बस से वेरावल पहुंचे। वड़ोदरा पहुंचने पर सरकारी अधिकारियों ने कीडीवाव के एक कॉलेज में उनसे पूछताछ की। इसके बाद उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया गया।

गौरतलब है कि पिछले कई सालों से कैद मछुआरों के अपने वतन लौटने पर युवा और बुजुर्ग उन्हें बधाई देने कीडीवाव पहुंचे थे। वहां मछुआरों से 3 घंटे तक पूछताछ की गई और फिर वे परिवारों से मिले। इस मौके पर कॉलेज परिसर में भावुक कर देने वाला नजारा देखने को मिला। वर्षों के बाद लौटने पर मिलने आये परिवार के सदस्यों की आंखों में खुशी के आंसू देखे गये। वेरावल समेत बेट द्वारका से भी कई परिवार आए थे।

कॉलेज परिसर में परिजनों से वर्षों मिलने के बाद खुशी की आंखों में आंसू भर आए। इसके बाद परिजनों को गले लगा लिया। इसके अलावा अदरेमनभाई नाम का एक मछुआरा बेटों को छुड़ाने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाने पहुंचा था। जिसमें अदरेमनभाई के तीन बेटे पिछले 2 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं।