गुजरात में स्थापित होगी देश की पहली लिथियम आयन सेल मैन्यूफैक्चरिंग गीगा फैक्टरी

प्रथम चरण में 13 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ 20 गीगाबाइट का प्लांट लगेगा

गुजरात में स्थापित होगी देश की पहली लिथियम आयन सेल मैन्यूफैक्चरिंग गीगा फैक्टरी

मुख्यमंत्री की मौजूदगी में टाटा ग्रुप के साथ हुआ एमओयू, 13 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

गांधीनगर/अहमदाबाद, 2 जून (हि.स.)। लिथियम आयन सेल मैन्यूफ्रेक्चरिंग गीगाबाइट फैक्टरी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की मौजूदगी में शुक्रवार को गुजरात सरकार और टाटा ग्रुप के बीच एमओयू हुआ। टाटा ग्रुप की सबसिडियरी कंपनी अग्रतास एनर्जी स्टोरेज सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ और गुजरात सरकार के साइंस टेक्नोलॉजी सचिव विजय नेहरा ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। गुजरात में लगने वाली यह गीगाबाइट फैक्टरी देश में इस प्रकार का पहला लिथियम आयन सेल उत्पादक प्लांट होगा।

गुजरात देश के लिथियम आयन सेल मैन्यूफ्रेक्चरिंग में अगुवा राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2030 तक देश में 50 फीसदी कार्बन उत्सर्जन रहित ऊर्जा और 100 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने में गुजरात सरकार में इस गीगा फैक्ट्री की स्थापना को महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस प्लांट से करीब 13 हजार करोड़ रुपये का प्रारंभिक निवेश होगा, जिससे 20 गीगाबाइट क्षमता के साथ उत्पादन शुरू होगा। इस प्लांट के जरिए प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 13 हजार लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के दिशा-निर्देश में राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन बढ़ाने के साथ कार्बन उत्सर्जन रहित ऊर्जा ग्रीन क्लिन एनर्जी बढ़ाने और फोसिल फ्यूअल कन्जम्पशन घटाकर कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संदर्भ में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ाने पर लिथियम आयन बैटरी की मांग भी बढ़ेगी। टाटा ग्रुप के इस प्लांट की स्थापना से गुजरात लिथियम आयन सेल मैन्यूफ्रेक्चरिंग का हब बनेगा। साथ ही राज्य में बैटरी मैन्यूफ्रेक्चरिंग इको सिस्टम स्थापित करने में मदद मिलेगी। एमओयू साइन होने के समय मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल समेत मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव कैलाशनाथन, मुख्य सचिव राजकुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज जोशी और टाटा ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।