गुजरात : आरटीई के तहत 621 दाखिले रद्द, गलत दस्तावेजों और नाम में बदलाव से हुए थे प्रवेश

इस वर्ष आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के पहले दौर में 54,903 बच्चों को प्रवेश आवंटित किया गया है

गुजरात : आरटीई के तहत 621 दाखिले रद्द, गलत दस्तावेजों और नाम में बदलाव से हुए थे प्रवेश

शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत बच्चों को प्रवेश इसलिए दिया जाता है ताकि जरूरतमंद छात्र भी निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर सकें। लेकिन इस साल 10 जिलों में फर्जी कागजात से प्रवेश पाने वाले कुल 621 बच्चों का प्रवेश विभिन्न जिलों में रद्द कर दिया गया है। सबसे अधिक 161 बच्चे राजकोट जिले में हैं।

कुल 621 बच्चों के दाखिले रद्द किए गए

सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि कुछ अभिभावकों ने ऑनलाइन फॉर्म भरकर बच्चे के नाम और पते आदि में मामूली बदलाव कर कदाचार किया और उन्हें प्रवेश भी आवंटित कर दिया गया। भरूच जिले में 33, छोटा उदेपुर में 25, गिर सोमनाथ में 24, जामनगर शहर में 159, खेड़ा में 92, राजकोट में 161, साबरकांठा में 10, वलसाड में 14, सूरत में 33 और सुरेंद्रनगर जिले में 70 सहित राज्य में कुल 621 बच्चों का प्रवेश रद्द किया गया है। 

पहले दौर में 54,903 बच्चों को प्रवेश दिया गया था

ऋषिकेश पटेल ने आगे कहा कि इस वर्ष आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के पहले दौर में 54,903 बच्चों को प्रवेश आवंटित किया गया है। इसी बीच गत वर्ष कक्षा-1 में पढ़ने के बावजूद इस वर्ष आरटीई के तहत ऑनलाइन फार्म भरकर अभिभावकों द्वारा प्रवेश दिलाने का मामला जिला व राज्य स्तर पर देखा गया, जो आरटीई के प्रावधानों के विरुद्ध है। एसएसए द्वारा संचालित चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम में ऐसे प्रवेश आवंटित बच्चों के विवरण का पुन: सत्यापन करने और जिला स्तर पर उनके प्रवेश निरस्त करने के निर्देश राज्य स्तर से जारी कर दिये गये हैं।

आरटीई के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरते समय और प्रवेश पत्र में प्रवेश के आवंटन के समय माता-पिता से एक वचन लिया जाता है कि मेरा बच्चा शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में कक्षा 1/कक्षा-2 में किसी भी स्कूल में नहीं पढ़ रहा है। जिसकी मैं अपनी सर्वोत्तम जानकारी के अनुसार पुष्टि करता हूँ। सूचना गलत पाये जाने पर आरटीई के तहत प्रवेश निरस्त किया जा सकता है। इस शासनादेश के अनुसार गलत तरीके से प्रवेशित बालक का प्रवेश निरस्त कर दिया गया है।