सूरत : पनास में आम की प्रदर्शनी और प्रतियोगिता के साथ सेमिनार आयोजित

गुजरात पूरे विश्व में आम उत्पादन में प्रथम स्थान पर , आम की 43 से अधिक किस्मों का प्रदर्शन किया गया 

सूरत : पनास में आम की प्रदर्शनी और प्रतियोगिता के साथ सेमिनार आयोजित

गुजरात के केसर, हाफस और राजापुरी आम अपने स्वाद, सुगंध के लिए प्रसिद्ध हैं : उप निदेशक उद्यानिकी दिनेशभाई पडालिया

सूरत के सिटीलाईट जोगर्स पार्क के पास पनास में एस्पी शकीलम बायोटेक्नोलॉजी कॉलेज, एक दिवसीय आम प्रदर्शनी और संगोष्ठी का आयोजन किया गया, सूरत कृषि विज्ञान केंद्र के उप निदेशक की संयुक्त पहल है। जिसमें आम की 43 से अधिक किस्मों को प्रदर्शित किया गया, साथ ही आम की 9 विदेशी किस्में आकर्षण का केंद्र बनीं।

आम प्रदर्शनी में जिले के 83 किसानों ने आम की 98 से अधिक विभिन्न किस्मों के नमूने प्रदर्शित किये, जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चयनित किसानों को सर्वोत्तम किस्म के आम पकने पर प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर उपनिदेशक उद्यानिकी डी.के. पडालिया ने कहा कि फलों के राजा आम के उत्पादन में गुजरात का विश्व में प्रथम स्थान है। विशेषता प्रदेश के केसर, हफुस और राजापुरी आम अपने स्वाद, सुगंध के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। 2001 में नवसारी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और प्रजनित 'सोनपरी' आम की विदेशों में काफी मांग है। हाफुस और बनेसान आमों की संकरण द्वारा 'सोनपरी आम' की एक नई किस्म विकसित की गई है। इसके साथ ही किसानों को आम के बागों की खेती और खेती के दौरान ध्यान रखना और नए सीजन में जैविक खाद के उपयोग की योजना बनाना अनिवार्य है।

इस अवसर पर नवसारी विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. बी.एम. टंडेल ने किसानों को जलवायु परिवर्तन की समस्या, आम के उत्पादन में आम की पौध, आम की फसल में फूल से लेकर आम की फसल में सतर्कता एवं उचित रखरखाव की जानकारी दी। आम उत्पादन में बैगिंग से होने वाले लाभ के संबंध में किसानों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र-सूरत के वैज्ञानिक आर के पटेल ने आम की फसल में विभिन्न रोगों की पहचान, निदान एवं नियंत्रण के लिए किसानों को विशेष तकनीकी जानकारी प्रदान की।

विशेष रूप से  प्रदर्शनी में कैसिंगटन, लिली, टॉमी एटकिन्स, इज़राइल हाइब्रिड, केट, पामर, किंगफॉन, माया और ऑस्टिन आमों जैसे आमों की 9 विदेशी किस्में आकर्षण का केंद्र बनीं।
 
इस अवसर पर नवसारी कृषि वि.वि. विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ.एन.एम.चौहान, मुख्य ज्वार अनुसंधान केंद्र-सूरत के अनुसंधान वैज्ञानिक डॉ.बी.के.दावड़ा, एएसबीआई के ई.प्राचार्य, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय डॉ.आर.एल. लेऊवा, आत्म परियोजना के उप निदेशक एन.जी. गमीत, कृषि विज्ञान केंद्र-सूरत के प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जे.एच. राठौड़, चौर्यासी आरएफओ जेजी गामित सहित बड़ी संख्या में किसान, शहरवासी, छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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