वड़ोदरा : निगम ने प्री-मानसून कार्यवाही के भाग रूप में आजवा सरोवर के 62 द्वारों का मेन्टेनेंस शुरू किया

मरम्मत का कार्य 25 दिनों तक चलेगा

वड़ोदरा : निगम ने प्री-मानसून कार्यवाही के भाग रूप में आजवा सरोवर के 62 द्वारों का मेन्टेनेंस शुरू किया

प्री-मानसून संचालन के हिस्से के रूप में वड़ोदरा शहर के पूर्व और दक्षिण क्षेत्रों में पीने का पानी उपलब्ध कराता सयाजीराव गायकवाड़ के समय  की आजवा झील के 62 गेटों का मरम्मत शुरू किया गया है। ज्ञात हो कि यह मरम्मत का कार्य 25 दिनों तक चलेगा।

वडोदरा शहर के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करने की योजना सयाजीराव गायकवाड़ के समय में बनाई गई थी। जिसमें आजवा और प्रतापपुरा में दो सरोवर बनाए गए। जिसमें प्रतापपुरा झील का पानी एक नाले के माध्यम से भरकर आजवा झील में डालने की व्यवस्था की गई। चूंकि आजवा सरोवर बारह मील की परिधि के साथ बनाया गया था और इसकी जल भंडारण क्षमता भी 214 फीट करने की योजना थी। आजवा सरोवर लगभग 111 साल से है।

इसी बीच आठ साल पहले इसके मिट्टी के तटबंध में लीकेज होने के कारण इसकी मजबूती का काम भी हो गया था। इतना ही नहीं तटबंध दरार आ जाने से प्रतापपुरा सरोवर में फिलहाल पानी जमा नहीं हो रहा है। आजवा सरोवर से मानसून के दौरान सरोवर को ओवरफ्लो करने और उस पानी को विश्वामित्री नदी में छोड़ने की अनुमति देने के लिए 62 स्लुइस गेट खोलने की व्यवस्था है। दरवाजों में कोई दिक्कत न हो, इसे ध्यान में रखते हुए हर साल 62 दरवाजों का मेंटेनेंस का काम किया जाता है। आजवा सरोवर के 62 गेटों के मेंटेनेंस का काम शुरू हो गया है। 

जानकारी के मुताबिक आजवा सरोवर के 62 गेटों का हर दो साल में मेंटेनेंस निगम करता है और यह अभियान 25 दिनों तक चलेगा। यह कार्य प्रतिदिन सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जाता है, इस कार्य को युद्धस्तर पर पूरा करने के लिए प्रतिदिन 50 से अधिक श्रमिकों को लगाया जाता है। इस साल सिर्फ दरवाजे का मेंटेनेंस किया जा रहा है, क्योंकि पिछले साल दरवाजे वाले ड्रम को निकाल कर मेंटेनेंस किया गया था, मालूम हो कि इस साल उसका मेंटेनेंस नहीं होगा। 

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