दो हजार रुपये के नोट वापस लेने से अर्थव्यस्था पर नहीं पड़ेगा असर: पनगड़िया

ऐसे वापस हुए नोटों के स्थान पर उसी कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोट जारी कर दिए जाएंगे

दो हजार रुपये के नोट वापस लेने से अर्थव्यस्था पर नहीं पड़ेगा असर: पनगड़िया

नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इंडिया (आरबीआई) के 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने के फैसले पर नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पनगड़िया ने कहा है कि आरबीआई के फैसले से अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि ऐसे वापस हुए नोटों के स्थान पर उसी कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोट जारी कर दिए जाएंगे।

अरविंद पनगड़िया ने शनिवार को दो हजार रुपये के करेंसी नोट वापस लेने के फैसले को सही करार देते हुए कहा कि इस कदम के पीछे संभावित मकसद अवैध धन की आवाजाही को और मुश्किल बनाना है। उन्होंने कहा कि दो हजार रुपये के नोट वर्तमान में लोगों के हाथों में कुल नकदी का केवल 10.8 फीसदी हैं, जबकि इसमें से ज्यादातर राशि का उपयोग संभवत: अवैध लेनदेन में होता है।

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। आरबीआई के मुताबिक इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकेंगे। हालांकि, रिजर्व बैंक ने जारी बयान में कहा है कि अभी चलन में मौजूद दो हजार रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे।

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