सूरत : चेंबर ऑफ कॉमर्स और जिला उद्योग केंद्र द्वारा जागरूकता सत्र आयोजित

उद्यमियों को व्यापार और उद्योगों के लिए गुजरात सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में बताया गया

सूरत : चेंबर ऑफ कॉमर्स और जिला उद्योग केंद्र द्वारा जागरूकता सत्र आयोजित

गुजरात कपड़ा नीति 2019 और लोजिस्टिक्स नीति के तहत एमएसएमई और बड़े उद्योगों को मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी

द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ( एसजीसीसीआई) और जिला उद्योग केंद्र सूरत द्वारा 'गुजरात सरकार के व्यापार और उद्योग के लिए प्रोत्साहन योजनाओं' पर एक जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। जिसमें जिला उद्योग केन्द्र सूरत के महाप्रबंधक एम.के. लदानी ने उद्योगपतियों को व्यापार और उद्योगों के लिए गुजरात सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं जैसे कि उद्योगों को सहायता के लिए आत्मनिर्भर गुजरात योजना 2019, गुजरात कपड़ा नीति 2019 और लोजिस्टीक्स नीति के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

जिला उद्योग केंद्र सूरत के महाप्रबंधक एम.के. लदानी ने कहा कि उद्योगों को सहायता के लिए आत्मनिर्भर गुजरात योजनाओं में सभी उद्योगों को शामिल किया गया है। विशेष रूप से, सूक्ष्म उद्योग को तालुका आधार पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है। सूरत जिले के उमरपाड़ा और महुवा तालुकों में स्थित सूक्ष्म उद्योगों को 25% सब्सिडी, बारडोली और मांडवी तालुकों को 20% और मांगरोल, कामरेज, सायन और ओलपाड तालुकों को निवेश के एवज में 10% की ऋण राशि दी जाती है।

उद्योगों को सहायता के लिए आत्मनिर्भर गुजरात योजना के तहत, एमएसएमई को तालुका के आधार पर 10 वर्षों के लिए 100 से 80 प्रतिशत तक शुद्ध एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति मिलती है। एमएसएमई इसलिए 7 साल के लिए प्रति तालुका 35 लाख रुपये तक की वार्षिक ब्याज सब्सिडी और दस साल के लिए ईपीएफ प्रतिपूर्ति उपलब्ध है। इस योजना के तहत यूनिट धारक का ई.पी.एफ. प्रतिपूर्ति का 12% या 1800 रुपये जो भी कम हो, पांच साल के लिए सब्सिडी के रूप में वापस कर दिया जाएगा।

गुजरात कपड़ा नीति 2019 केवल कपड़ा उद्योग के लिए है। इसमें एमएसएमई को ब्याज अदायगी के तौर पर 6 फीसदी सब्सिडी मिलती है। यदि बुनाई इकाई में एलटी कनेक्शन है, तो इकाई को 3 रुपये की सब्सिडी मिलती है। जबकि अन्य कनेक्शन पर दो रुपये की सब्सिडी मिलती है। 100 कर्मचारियों वाली एक औद्योगिक इकाई को 4% अनुदान, 100 से 200 कर्मचारियों को 4.5% अनुदान, 200 से 500 कर्मचारियों को 5% अनुदान और 500 से अधिक कर्मचारियों को 6% अनुदान मिलता है।

इस नीति में बाजार विकास सहायता के तहत स्थानीय और राज्य स्तरीय प्रदर्शनियों में भाग लेने वाले कपड़ा उद्योगपतियों को 50,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलती है। देश में राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों के लिए 1 लाख रुपये, अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों के लिए 2 लाख रुपये और विदेशों में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों के लिए 5 लाख रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध है।

इसके अलावा, औद्योगिक पार्कों के निर्माण के लिए डेवलपर्स को 30 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है। जबकि लॉजिस्टिक्स पॉलिसी के तहत लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए 15 करोड़ रुपए तक की कैपिटल सब्सिडी दी जाती है।

स्वागत भाषण चैंबर अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने दिया। प्रेसिडेंट इलेक्ट रमेश वघासिया ने सभी का आभार जताया। उपाध्यक्ष निर्वाचित विजय मेवावाला और मानद मंत्री भावेश टेलर उपस्थित थे। पूरे सत्र का संचालन चेंबर की सरकारी योजना समिति के अध्यक्ष राजीव कपसियावाला ने किया। जबकि को-चेयरमैन मयूर गोलवाला ने स्पीकर का परिचय दिया। इस जागरूकता सत्र में अध्यक्ष ने पदाधिकारियों व विभिन्न औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब दिए और फिर सत्र का समापन किया।

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