आईएनएस सिंधुरत्न पनडुब्बी 97 दिनों की लंबी यात्रा के बाद रूस से मुंबई पहुंची

भारत में कई दुर्घटनाओं के बाद मरम्मत के लिए भेजा गया था रूसी नेवल डॉकयार्ड

आईएनएस सिंधुरत्न पनडुब्बी 97 दिनों की लंबी यात्रा के बाद रूस से मुंबई पहुंची

मरम्मत के बाद पनडुब्बी यूक्रेन से युद्ध और आर्थिक संकट के कारण फंसी थी रूस में

नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। समुद्र का गहना कही जाने वाली भारतीय नौसेना की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न रूस के नेवल डॉकयार्ड में बड़ी मरम्मत के बाद मुंबई लौट आई है। किलो क्लास की यह पनडुब्बी 97 दिनों की लंबी यात्रा के बाद रूस से मुंबई पहुंची है। मरम्मत होने के बाद यह पनडुब्बी यूक्रेन से युद्ध और आर्थिक संकट के कारण रूस में ही फंस गई थी, जिसे बमुश्किल भारत लाया जा सका है।

भारतीय नौसेना के पास सिंधुघोष वर्ग की सिंधुध्वज, सिंधुराज, सिंधुरत्न, सिंधुकेसरी, सिंधुकीर्ति, सिंधुविजय, सिंधुरक्षक और सिंधुराष्ट्र पनडुब्बियां हैं। यह सभी रूसी मूल की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां हैं, जिनमें लगातार दुर्घटनाएं बढ़ने लगीं। दरअसल, 26 फरवरी, 2010 को आईएनएस सिंधुरक्षक में आग लगने से एक नाविक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। यह आग दोषपूर्ण बैटरी के कारण लगी थी। इसके बाद 14 अगस्त, 2013 को सिंधुरक्षक पर एक विस्फोट के बाद आग लगी और सिंधुरक्षक गोदी में डूब गई। 17 जनवरी, 2014 को नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई लौटते समय सिंधुघोष कम ज्वार के कारण समुद्र में फंस गई।

इसी क्रम में 26 फरवरी, 2014 को मुंबई तट पर आईएनएस सिंधुरत्न में धुएं का पता चला, जिसके परिणामस्वरूप 7 नाविक बेहोश हो गए और दो की मौत हो गई। घुटन से बेहोश होने के बाद 4-5 नाविकों को मुंबई के एक अस्पताल में ले जाया गया था। बोर्ड पर पश्चिमी नौसेना कमान के सबसे वरिष्ठ पनडुब्बी अधिकारी थे। जांच में आग लगने का कारण नहीं पता चला, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार एक प्रशिक्षण मिशन के दौरान जब पनडुब्बी पानी के नीचे थी, तब नाविकों के आवास क्षेत्र में कम्पार्टमेंट नंबर 3 में धुआं भर गया था, जिससे यह दुर्घटना हुई। हादसे में मारे गए लेफ्टिनेंट कमांडर कपिश सिंह मुवाल और लेफ्टिनेंट कमांडर मनोरंजन कुमार का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया था।

इसके बाद आईएनएस सिंधुरत्न को मरम्मत के लिए रूस के नेवल डॉकयार्ड में भेजा गया था। कई साल की मरम्मत के बाद जब पनडुब्बी की भारत वापसी का समय आया, तो रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया। समुद्री लिफ्ट वाणिज्यिक परिवहन डॉक जहाज की कमी के कारण आईएनएस सिंधुरत्न रूस में फंस गई और उसे रूस से मुंबई लाने के सारे रास्ते बंद हो गए। रूस-यूक्रेन युद्ध और आर्थिक संकट के कारण वाणिज्यिक परिवहन गोदी जहाज संचालक रूस से संचालन नहीं करना चाहते थे। इस पर भारतीय नौसेना ने परिवहन गोदी जहाज के जरिये पनडुब्बी को नॉर्वे में एक बंदरगाह पर लाने की योजना बनाई। इस तरह किलो क्लास की यह पनडुब्बी 97 दिनों की लंबी यात्रा के बाद रूस से मुंबई पहुंच गई है।

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