जी-20 सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर, सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध

विदेशी महमानों को हर ओर अमन व शांति का पैगाम देते मार्ग व बाजार नजर जायेंगे

जम्मू, 16 मई (हि.स.)। पाकिस्तान व आतंकी संगठनों के विरोध के बावजूद जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे तीन दिवसीय जी-20 सम्मेलन की यहां एक ओर तैयारियां जोरों पर हैं वहीं सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए जा रहे हैं। विदेशी महमानों को हर ओर अमन व शांति का पैगाम देते मार्ग व बाजार नजर जायेंगे। श्रीनगर से लेकर गुलमर्ग तक बाग-बगीचे व बाजार नये रूप में दिखने लगे हैं। दीवारों पर कश्मीर की संस्कृति की झलक व प्रकृति के सुन्दर नजारे भी दिखेंगे। विदेशी महमानों महमानों को कश्मीर में जन्नत सा अहसास कराने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। श्रीनगर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। निशात सहित अन्य पार्कों की खूबसूरती में चार चांद लगाये जा रहे हैं। जगह-जगह जी-20 के होर्डिंग व बैनर लगाये जा रहे हैं।

विदेशी महमानों के अलावा देश के 12 राज्यों व पर्यटन सचिव भी कश्मीर आ रहे हैं। जी-20 समूह का सदस्य न होने के बावजूद 6 राष्ट्रों के प्रतिनिधि भी सम्मेलन में आ रहे हैं। कश्मीर में 33 वर्षों के दौरान होने वाला यह पहला और बड़ा सम्मेलन है।

दूसरी ओर जी-20 सम्मेलन को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर रखा है। आतंकी अपने किसी भी मंसूबे में कामयाब न हो सकंे इसके पूरे इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रकार के बंदोबस्त किए जा रहे हैं। विशेषकर श्रीनगर से गुलमर्ग तक सुरक्षा का कड़ा घेरा रहेगा। एनएसजी व मैरीन कमांडो को भी पर्यटनस्थल में तैनात रहेंगे।

जी-20 सम्मेलन के दौरान श्रीनगर सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमले की आशंका के साथ ही आतंकियों व अलगाववादियों के समर्थक अफवाहें फैलाकर हालात बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। इस षड्यंत्र को नाकाम बनाने के लिए सुरक्षाबलों ने कमर कस ली है। शहर में आने-जाने वाले सभी रास्तों व नाकों पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। सभी संवेदनशील स्थानों पर किसी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए क्यूआरटी, क्यूएटी और सीआरटी को तैनात किया जाएगा। पुलिस और सीआरपीएफ के जवान शहरी इलाकों में संयुक्त रूप से गश्त करेंगे। ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में सेना के जवान गश्त के अलावा तलाशी अभियान भी चलाएंगे। शरारती तत्वों और अफवाहवाजों पर कड़ी निगरानी का फैसला लिया गया है। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने कार्याधिकार क्षेत्र में अफवाहों की आशंका को समाप्त करने के लिए सभी समुचित उपाय करें। अगर कोई अफवाह फैलाता है तो उसे तत्काल चिह्नित कर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

इस सम्मेलन में जम्मू कश्मीर की कला संस्कृति, हस्तशिल्प जम्मू कश्मीर के व्यंजन और जम्मू कश्मीर के विशिष्ट कृषि उत्पादों का मेला भी चलेगा। सम्मेलन में भाग लेने आ रहे मेहमानों को जम्मू-कश्मीर से संबंधित उपहार भी भेंट किये जायेंगे। डल झील किनारे स्थित शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में जी-20 के पर्यटन कार्य समूह का सम्मेलन 22 से 24 मई तक होगा।

तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में भाग लेने आ रहे विदेशी मेहमान प्रदेश की सदियों पुरानी समृद्ध व रंग बिरंगी लोक संस्कृति से भी अवगत होंगे।

सम्मेलन के दौरान एसकेआईसीसी परिसर में हस्तशिल्पियों के लिए विशेष पंडाल लगाया जाएगा जहां बुनकरों को सामान तैयार करते हुए यह मेहमान देख सकेंगे। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों की लोक संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक संध्या भी आयोजित की जायेगी जिसमें स्थानीय लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

सम्मेलन के दौरान देशी-विदेशी प्रतिनिधियों को जम्मू कश्मीर के पर्यटन स्थलों से पूरी तरह अवगत कराया जायेगा। जम्मू कश्मीर के विरासत स्थलों की जानकारी के साथ ही पर्यटन का पूरा ब्यौरा दिया जायेगा। जी-20 सम्मेलन के बाद जम्मू-कश्मीर मेें पर्यटन को बढ़ावा मिलना तय है। जम्मू-कश्मीर की एक नई तस्वीर महमानों को देखने को मिलेगी।

Tags: Feature