सूरत : आगामी मानसून के मद्देनजर आहवा में प्री-मानसून तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित 

यहां के झरने और पर्यटन स्थलों पर प्रकृति प्रेमी पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ती हैं

सूरत : आगामी मानसून के मद्देनजर आहवा में प्री-मानसून तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित 

अद्वितीय वनस्पति वाले डांग जिला में विशेष रूप से मानसून के दौरान भूस्खलन और पेड़ों के गिरने के साथ निचले स्तर के कॉजवे और सड़कों पर बारिश के पानी भरने की घटना बनती है। ऐसे में डांग कलेक्टर द्वारा जिले के संबंधित अधिकारियों से समन्वय एवं सहयोग करने के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का आग्रह किया गया था। 

आंधी-तूफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है

औसत 1800 से 2000 मिमी वर्षा आधारित डांग जिले के जंगल और पहाड़ी इलाकों में हर साल भारी बारिश या तूफान के कारण कोई न कोई ऐसी घटना हो जाती है जो लोगों के जीवन को प्रभावित करती है। ऐसी घटना में आपातकालीन निकासी, बचाव और राहत अभियान, आवश्यक दवा और चिकित्सा सेवाएं, अनाज की आपूर्ति, परिवहन सेवाएं बाधित न हों, इसके लिए विशेष सतर्कता बरतने की भी अपील की गई। उच्च बाढ़ की स्थिति के दौरान जिम्मेदार अधिकारियों को स्थानीय तैराकों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया।

पर्यटन स्थलों पर प्रकृति प्रेमी पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है

डांग जिले की खूबसूरती जब मानसून में खिलती है तो यहां के झरने और पर्यटन स्थलों पर प्रकृति प्रेमी पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ती हैं। ऐसे समय में फोटोग्राफी और सेल्फी का क्रेज कुछ पर्यटक अपनी जान जोखिम में डाल देते है। साथ ही बेतरतीब पार्किंग के कारण सार्वजनिक परिवहन भी बाधित होता है। इस तरह की स्थिति को बनने से रोकने के लिए सतर्कता के तहत आवश्यक सुरक्षा गार्ड सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निचले स्तर के कॉजवे या सड़कों पर बार-बार बारिश के कारण कोई अप्रिय घटना न हो।

कलेक्टर महेश पटेल ने भारी बारिश या आंधी के कारण आमजन के जनजीवन की क्षति के दौरान दिये जाने वाला सहायता, भुगतान की जाने वाली सहायता सहित ग्रामीण कर्मचारियों, स्थानीय पदाधिकारियों, स्वयंसेवी-सामाजिक संगठनों की भूमिका सुनिश्चित करने की वकालत की। बैठक का संचालन करने वाले आपदा मामलतदार अर्जुनसिंह चावड़ा ने विभागीय दायित्वों का परिचय देते हुए कार्ययोजना का विवरण प्रस्तुत किया। साथ ही आगामी 1 जून 2023 से जिले के नियंत्रण कक्ष को चौबीसों घंटे क्रियाशील बनाने के साथ ही संबंधित प्रवर्तन अधिकारियों को नियंत्रण कक्ष में दैनिक सूचनाओं को दर्ज करने के निर्देश दिए।

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