सूरत :  फोस्टा कार्यालय में तालाबंदी, चुनाव नहीं होने से व्यापारियों में भारी रोष

निवर्तमान अध्यक्ष द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने पर अंतत: धरना

सूरत :  फोस्टा कार्यालय में तालाबंदी, चुनाव नहीं होने से व्यापारियों में भारी रोष

सूरत के कपड़ा बाजार में फोस्टा के चुनाव को लेकर बवाल

सूरत का कपड़ा उद्योग पूरी दुनिया में फैला हुआ है लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि सूरत शहर के कपड़ा उद्योग के सबसे बड़े संघ फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ( फोस्टा) ने पिछले दस सालों से चुनाव नहीं कराया है। जिसके कारण निदेशक भी विरोध कर रहे हैं और व्यापारी अब वर्तमान अध्यक्ष की निष्क्रियता पर लड़ने के मुड में दिखाई दे रहे हैं। जिसके कारण पूरे शहर में सूरत कपड़ा बाजार को लेकर कई तरह की चर्चा शुरू हो गई है।

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फोस्टा कार्यालय को व्यापारियों ने ताला लगाया 


फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ( फोस्टा) के कार्यालय का आज व्यापारीयों द्वारा घेराव किया गया। खास बात यह है कि पिछले दस सालों में चुनाव नहीं होने के कारण पूर्व निदेशकों की बैठक सहित कई चीजें सक्रियता से नहीं हो पाई हैं। नतीजतन वे कपड़ा उद्योग को प्रभावित करने वाले मुद्दों को सरकार तक पहुंचाने में विफल रहे हैं। वर्तमान में फोस्टा द्वारा एक चुनाव समिति नियुक्त की गई है। लेकिन उनके द्वारा भी जल्द कोई निर्णय नहीं लिए जाने के कारण कपड़ा व्यापारी विरोध कर रहे हैं और जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।

कपड़ा बाजार में मौजूदा अध्यक्ष को लेकर काफी रोष 

मनोज अग्रवाल पिछले कई सालों से फोस्टा के अध्यक्ष हैं। सूरत में हजारों व्यापारियों का यह उद्योग होने के बावजूद संगठन की दृष्टि से कमजोर नजर आता है। संगठन का चुनाव जो लोकतांत्रिक ढंग से होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है, तानाशाही की तरह पिछले कई वर्षों से एक ही व्यक्ति अध्यक्ष के पद पर बैठा है। जिसके कारण अब व्यापारियों में गुटबाजी शुरू हो गई है। व्यापारी कह रहे हैं कि सूरत के कपड़ा उद्योग के अलग-अलग संघों में बंटने के पीछे फास्टा की निष्क्रियता मुख्य कारण है।

व्यापारियों ने जमकर विरोध दर्ज कराया

कपड़ा उद्योग के जाने-माने कारोबारी कैलाश हकीम ने आज जे.जे. मार्केट में धरने पर बैठने का फैसला किया। आखिर वह अपने समर्थकों के साथ फोस्टा कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ जाने पर पुलिस उन्हे वहा से हठाने के लिए आयी। कैलाश हकीम ने शुरू में पुलिस का सहयोग नहीं किया लेकिन बाद में पुलिस की बात समझकर थाने पहुंच गया। उन्होंने समर्थकों की मौजूदगी में फोस्टा कार्यालय पर तालाबंदी किया।  

लोकतांत्रिक तरीके से काम होना चाहिएः कैलाश हकीम

कैलाश हकीम ने कहा कि हम आज पोस्ट ऑफिस पहुंचे तो वहां एक भी अधिकारी नहीं था बल्कि जब हमने उनसे फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो ज्यादातर के फोन स्विच ऑफ थे। हमारा निवेदन है कि अब फोस्टा का कामकाज तानाशाही तरीके से नहीं बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से होगा। इतना बड़ा संगठन होते हुए भी कोई चुनाव नहीं होता है और केवल पदाधिकारी ही निर्णय लेते रहते हैं। और कई बार हमें लगता है कि वो फैसले भी ट्रेडर्स के हित में नहीं होते हैं। जब फोस्टा कोई काम करने के लिए तैयार नहीं है तो उसके पद पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है। अब चुनाव तक हमारी आवाज कपड़ा बाजार में इसी तरह गूंजती रहेगी।

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