भारत के खिलाफ उठाए गए हर कदम का मुंहतोड़ जवाब देंगे : रक्षा मंत्री

देश के शक्तिशाली मानव संसाधन के अधिकतम उपयोग का आह्वान

भारत के खिलाफ उठाए गए हर कदम का मुंहतोड़ जवाब देंगे : रक्षा मंत्री

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी

नई दिल्ली, 11 मई (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर गुरुवार को 25 साल पहले हुए पोखरण परमाणु परीक्षणों को याद करके कहा कि इन परीक्षणों ने दुनिया को एक संदेश दिया कि भारत 'वसुधैव कुटुम्बकम' और 'अहिंसा परमो धर्म' में विश्वास करता है, इसलिए किसी भी देश की संप्रभुता, अखंडता और एकता को नुकसान नहीं पहुंचाता है। उन्होंने भारत को मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश के शक्तिशाली मानव संसाधन के अधिकतम उपयोग का आह्वान किया।

रक्षा मंत्री आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 को चिह्नित करने वाले कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री ने 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और 25वें राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत उन असाधारण वैज्ञानिकों की दिल से सराहना करता है, जिन्होंने 1998 के पोखरण परीक्षण में योगदान दिया। आज हम तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी असाधारण राजनीतिक इच्छाशक्ति और इन परीक्षणों को सफल बनाने के नेतृत्व के लिए भी याद करते हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने न केवल अपने लिए शांति की कामना की है, बल्कि दुनिया को संदेश दिया है। भगवान बुद्ध और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैसे दूरदर्शी विश्व को भारत की देन हैं। हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया और न ही उसे गुलाम बनाया। पोखरण परीक्षण ने संदेश दिया कि हम अपनी गरिमा के खिलाफ उठाए गए हर कदम का मुंहतोड़ जवाब देंगे। राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा बताया। उन्होंने किसी राष्ट्र की प्रगति में विज्ञान के महत्व को रेखांकित करते हुए उसे शक्ति का स्रोत बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण युवाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के पास एक शक्तिशाली मानव संसाधन है, जिसने इसे विश्व मंच पर एक सम्मानजनक स्थिति के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने एक मजबूत, समृद्ध और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस मानव संसाधन का अधिकतम उपयोग करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। वैश्विक मंच पर हमारा कद बढ़ा है और दुनिया भारत में आशा की एक नई किरण देख रही है। हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर 'नए भारत' के निर्माण के अपने विजन को साकार करने में सफल होंगे।

इस मौके पर प्रगति मैदान के हॉल नंबर 5 और 4 में भव्य एक्सपो लगाई गई है, जिसमें अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग, डीएसटी, डीआरडीओ, डीओएस, डीएई, सीएसआईआर, डीबीटी, एमओईएस, डीओटी, एमईआईटीवाई, एआईसीटीई और डीपीआईआईटी जैसे विभाग भाग ले रहे हैं। डीआरडीओ पवेलियन में 30 से अधिक डीआरडीओ प्रयोगशालाएं, पांच डीआरडीओ युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं (डीवाईएसएल), प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ), डीआरडीओ उद्योग अकादमी-उत्कृष्टता केंद्र (डीआईए-सीओई) और ब्रह्मोस स्वदेशी की एक श्रृंखला का प्रदर्शन किया गया है।

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