राज्य में कैंसर मरीजों के रेडियो एक्टिव इलाज के लिए शुरू होगा साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट

दि गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट के लिए 70 करोड़ रुपये मंजूर

राज्य में कैंसर मरीजों के रेडियो एक्टिव इलाज के लिए शुरू होगा साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट

गांधीनगर/अहमदाबाद, 9 मई (हि.स.)। दि गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इन्स्टीट्यूट में साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने 70 करोड़ रुपये देने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की अध्यक्षता और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल की मौजूदगी में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कई महत्व के निर्णय किए गए।

इन्स्टीट्यूट में शुरू होने वाले साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट के अंतर्गत रेडियो एक्टिव पदार्थ का उत्पादन किया जाएगा, जिसका उपयोग यूटिलिटी बिल्डिंग के अंदर कैंसर के निदान और उपचार के लिए हो सकेगा। गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से अधिक मात्रा में उत्पादन क्षमता के साथ जब इसकी जरूरत होगी रेडियो एक्टिव पदार्थ मिल सकेगा। इसके अलावा प्रति मरीज इलाज खर्च में भी कमी आएगी।

एक हजार वर्ग मीटर जमीन पर बनेगी बिल्डिंग

साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट और इसकी सुसंगत व्यवस्था के लिए साइक्लोट्रोन बंकर बनाने और बेसमेंट समेत पांच मंजिली यूटिलिटी बिल्डिंग बनाने के लिए एक हजार वर्ग मीटर जगह की जरूरत होगी। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के इस प्रोजेक्ट का प्रजेंटटेशन स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज अग्रवाल ने दिया। यह साइक्लोट्रोन फॉर न्यूक्लियर मेडिसीन का प्रोजेक्ट करीब दो साल में पूरा होगा।

इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अग्रवाल ने बताया कि हाल की स्थिति में इन्स्टीट्यूट में न्यूक्लियर मेडिसीन विभाग का अपना साइक्लोट्रोन नहीं है। उन्होंने कहा कि कई मोलेक्यूलस ऐसे होते हैं, जिनकी हाफ लाइफ थोड़े ही मिनट के लिए होती है। ऐसी कोई भी जांच अभी इस इंस्टीट्यूट में संभव नहीं है, परंतु साइक्लोट्रोन प्रोजेक्ट के संबंध में मशीन उपलब्ध होने से कई भी जांच जब करनी होगी, उसी समय हो सकती है। दि गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में न्यूक्लियर मेडिसीन विभाग पिछले 28 साल से अधिक समय से कार्यरत है।

प्रोजेक्ट बनने के बाद 16 हजार मरीजों की हो सकेगी जांच

इस नए प्रोजेक्ट के शुरू होने से भविष्य में हाल की स्थिति के चार गुणा यानी वर्ष में 16 हजार मरीजों की जांच और इलाज संभव होगा। इसके अलावा भविष्य में जीसीआरआई के अन्य हॉस्पिटलों या सेंटर्स जैसे सिद्धपुर, राजकोट और भावनगर में भी मटिरियल आपूर्ति की जा सकेगी।

बैठक में इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में भी चर्चा की गई। जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज सोला अस्पताल में वर्ल्ड क्लास सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर 40 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। यहां रेडियोलॉजी, एनेस्थेसिया, मेडिसीन, जनरल सर्जरी, गायनेक, बाल रोग, आंख रोग आदि विभागों में उत्कृष्ट काम के लिए खरीदा जाने वाले साधनों की विस्तृत व्यौरा दिया गया।

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