कोरे कैन्वास पर कल्पना एवं जीवन के रंग भरती गृहणी निशा गुप्ता

निशा एक प्रतिभा संपन्न व्यक्तित्व रखने वाली चित्रकार है

मंडी, 04 मई (हि.स.)। मंडी जिला करसोग कस्बे की गृहणी निशा गुप्ता ने चित्रकला क्षेत्र में अपना खास मुकाम हासिल किया है। निशा एक प्रतिभा संपन्न व्यक्तित्व रखने वाली चित्रकार है। निशा कोरे कैन्वास पर कल्पना और जीवन के रंग भर कर नए-नए चित्रों का सृजन करती है। निशा का कला जीवन अनूठा रहा है। दो वर्षो तक मानसिक अवसाद से ग्रसित होने के कारण जीवन के सभी रंग उन्हें फीके लगने लगे थे। तभी निशा को कला प्रशिक्षक शालु नेगी और नमिता रानी झांसी पार्क में मेटिंग करती मिली।दोनों ने निशा को कला की ओर ऐसे प्रेरित किया कि उनका सारा अवसाद मिट गया। आज निशा नमिता के साथ प्रख्यात चित्रकार हिम चटर्जी के मार्गदर्शन में शाश्वत कलात्मक वैभव से आलोकित हो उठी है। निशा की चित्रकला प्रदर्शनी गेयटी थियेटर के टेवरन हाल के साथ पड़ोसी राज्यों सहित देश भर में कला प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बन गई हैं।

निशा की फैब्रिक पेंटिंग में भारतीय संस्कारों की खुशबू आती है। निशा के चित्रों पर उनके आध्यात्म की गहरी छाप है। निशा ने अपने अधिकतर चित्रों में आध्यात्म से भगवान गणेश जी, भगवान बुद्ध व प्रकृति को उकेरा है। श्री गणेश जी जहां प्रथम पूजनीय देव हैं वहीं भगवान बुद्ध एक प्रबुद्ध शिक्षक हैं । मंडी जिला के गोहर विकास खंड के कंढोल गांव के घनश्याम गुप्ता के घर माता यशुमती गुप्ता के गर्भ से 1975 में जन्मी निशा की जमा दो तक की शिक्षा गोहर से तथा स्नातक स्तर की शिक्षा राजकीय महाविद्यालय मंडी से हुई। 1997 में निशा करसोग के व्यवसायी भवनीश गुप्ता से परिणय सूत्र में बंध एक सफल गृहणी के रुप में जीवन शुरु किया।

निशा का कहना है कि फैब्रिक पेंटिंग का इस्तेमाल, शाल, बैडशीट, सिराहने, पर्दे, कमीज, मेजपोश से लेकर घर के साज-सामान सब कुछ सजाने के लिए किया जा सकता है। आल इंडिया वूमेन ऐसोसिएशन के बैनर तले निशा की लगभग 150 पेंटिंग ने खूब प्रशंसा अर्जित की है। सुकेत संस्कृति साहित्य एवं जन-कल्याण मंच पांगणा के अध्यक्ष डॉक्टर हिमेंद्र बाली हिम और डॉक्टर जगदीश शर्मा का कहना है कि निशा के जीवन का यह नवोन्मेष सब के लिए प्रेरणादायक और अनुकरणीय है। 

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