गांधीनगर में 136 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले अत्याधुनिक न्यायालय भवन का शिलान्यास

विधि मंत्री, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एवं गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की रही उपस्थिति

गांधीनगर में 136 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले अत्याधुनिक न्यायालय भवन का शिलान्यास

गांधीनगर, 23 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा है कि सुदृढ़ इन्फ़्रास्ट्रक्चर निर्माण से सस्टेनेबल डेवलपमेंट की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विकसित की गई परिपाटी को गुजरात अविरत विकास कार्यों से आगे बढ़ा रहा है। राज्य सरकार जूडिशियल इन्फ़्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के मार्ग में आगे बढ़ी है। पटेल ने गांधीनगर में निर्मित होने वाले नए ज़िला न्यायालय भवन का रविवार को शिलान्यास करते हुए यह बात कही। इस नए ज़िला न्यायालय भवन का दो बेसमेंट पार्किंग एवं सात मंज़िलों सहित अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 136 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण होगा।

मुख्यमंत्री ने गांधीनगर ज़िला न्यायालय भवन के शिलान्यास के साथ अहमदाबाद में लॉ गार्डन स्थित धूलिया कोट में न्यायिक आवासीय भवनों का भी वर्चुअल भूमिपूजन किया। विधि मंत्री ऋषिकेश पटेल, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एम. आर. शाह, बेलाबेन त्रिवेदी, गुजरात उच्च न्यायालय के कार्यवाह मुख्य न्यायाधीश ए. जे. देसाई, राज्य के महाधिवक्ता कमलभाई त्रिवेदी सहित ज़िला न्यायालय के न्यायाधीशगण, विधिविद् तथा अग्रगण्य अधिवक्ता इस अवसर के साक्षी बने।

तीन लाख करोड़ रुपये का बजट

मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका; तीनों अंगों की सिनर्जी लोकतंत्र को गतिशील व विकासशील रखती है। न्यायपालिका का एक विशिष्ट स्थान व महत्व है। ऐसे में न्यायपालिका को आवश्यक इन्फ़्रास्ट्रक्चर से लैस बनाने का हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा 3 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया गया है और इस बजट में इन्फ़्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को विकास के पंचस्तंभों में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को अधिक सुविधापूर्ण बनाने के लिए उसकी आवश्यकताओं को ध्यान में लेते हुए सरकार ने बजट में विधि विभाग के लिए 2014 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

तहसील-ज़िला न्यायालयों को सुविधाओं- उपकरणों से सुसज्ज करेंगे : ऋषिकेश पटेल

विधि मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि न्यायपालिका में कार्यरत न्यायमूर्ति तथा उनका सहायक स्टाफ़ उत्तम ढंग से कार्य कर सकें; इसके लिए अच्छा प्लेटफ़ॉर्म देने और उनके परिजनों को रहने की आधुनिक सुविधाओं के साथ उत्तम सुविधा देने के लिए यह सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए चालू वर्ष के वित्तीय बजट में न्यायपालिका की सुविधाओं के लिए 2,000 करोड़ रुपए की भारी राशि का आवंटन किया गया है। आगामी पांच वर्षों में तहसील-ज़िला न्यायालयों को अत्याधुनिक सुविधाओं और टेक्नोलॉजी के लिए ज़रूरी उपकरणों से सुसज्ज किया जाएगा, जिससे अदालतों में आने वाले आवेदकों और अधिवक्ताओं को भी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। आज आवेदक न्यायपालिका द्वारा अपने केस का विवरण और प्रगति के चरण की जानकारी भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। देश के प्रधानमंत्री ने आज जब प्रशासनिक मार्ग प्रशस्त किया है, तब न्यायिक प्रशासन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था तक की सुविधाओं में सुधार लाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

दुर्घटना के केस में त्वरित न्याय जरूरी :  न्यायाधीश एम आर शाह

उच्चतम् न्यायालय के न्यायाधीश एम. आर. शाह ने कहा कि गांधीनगर में न्यायपालिका के लिए आज अनूठा दिवस है। समग्र देश में गुजरात सरकार ने न्यायपालिका के लिए श्रेष्ठ आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश से उच्च न्यायालय के अधिकारियों की एक टीम गुजरात में अदालतों की ढाँचागत सुविधाओं के अध्ययन के लिए आई थी। गुजरात सरकार द्वारा दी जाने वाली आधुनिक सुविधाओं से प्रभावित इस टीम ने जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की, तब वहाँ की सरकार ने भी पहले चरण में 10 ज़िलों की अदालतों में गुजरात जैसी श्रेष्ठ ढाँचागत सुविधाएँ उपलब्ध कराने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि जब किसी दुर्घटना के केस में घर के मुखिया की मृत्यु होती है, तब उस केस में संवेदनशील बनते हुए त्वरित निर्णय दिया जाना चाहिए, जिससे उसके दावे की राशि से मृतक के परिवार का जीवन निर्वाह चल सके।

तहसील व ज़िला अदालत का निर्णय सामान्य जनता के लिए अहम : न्यायाधीश बेलाबेन

उच्चतम् न्यायालय की न्यायाधीश बेलाबेन त्रिवेदी ने कहा कि इस न्याय मंदिर की भव्यता में न्यायरूपी दिव्यता की पूर्ति करने का कार्य हम सबको करना है। उन्होंने कहा कि साधारण व्यक्ति के लिए तहसील व ज़िला अदालत का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए लोगों को विक्षेप के बिना अधिक त्वरित व सरल न्याय दिलाने के लिए हमें अधिक संवेदनशील बनकर प्रयास करने होंगे। गुजरात उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए. जे. देसाई ने नूतन भवन के भूमिपूजन के अवसर पर सभी को अभिनंदन देते हुए कहा कि गांधीनगर शहर के मध्य में आधुनिक ज़िला न्यायालय भवन का निर्माण होने से सभी को अधिक सुगमता रहेगी। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद शहर के मध्य में लॉ गार्डन क्षेत्र में 200 से अधिक आवासीय मकान एक ही स्थान तैयार होने से जजों सहित स्टाफ़ को रहने की अत्यंत अच्छी और सुरक्षित व्यवस्था उपलब्ध होगी।

8 मंजिला, आधुनिक भवन में होंगे 28 न्यायालय

गांधीनगर ज़िला न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जे. आर. शाह ने नवीन भवन की जानकारी देते हुए कहा कि गांधीनगर में सेक्टर 11 स्थित रामकथा मैदान में 19,375 वर्गमीटर में 136 करोड़ रुपए की लागत से कुल 28 न्यायालयों वाले आठ मंज़िला आधुनिक भवन का निर्माण होगा, जिसमें दो मंज़िलों की बेसमेंट पार्किंग, कॉन्फ़्रेंस रूम, आधुनिक पुस्तकालय, साक्षियों के लिए गवाही कक्षा, जजेज़ चैम्बर आदि व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस अवसर पर गांधीनगर (उत्तर) की विधायक रीटाबेन पटेल, गुजरात उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश एन. वी. अंजारिया, महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी, विधि विभाग के सचिव पी. एन. रावल, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गांधीनगर ज़िले के प्रशासनिक जज ए. एस. सुपैया, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सदस्य, आमंत्रित महानुभाव और अधिवक्ता उपस्थित रहे।