गुजरात : दो विशिष्ट संस्कृतियों के संगम का यह कार्यक्रम भारत के सांस्कृतिक इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय बनेगा  : मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरणा व मार्गदर्शन में भगवान सोमनाथ महादेव के पवित्र सान्निध्य में यह ऐतिहासिक मिलन सृजित हुआ

गुजरात : दो विशिष्ट संस्कृतियों के संगम का यह कार्यक्रम भारत के सांस्कृतिक इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय बनेगा  : मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल

यह अनूठा कार्यक्रम यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के सपने को पूर्ण करने की दिशा में अति महत्वपूर्ण सिद्ध होगा

‘जय सोमनाथ’ और ‘वणक्कम’ के ऊष्मा पूर्ण अभिवादन के साथ मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सौराष्ट्र-तमिल संगम कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरणा व मार्गदर्शन में भगवान सोमनाथ महादेव के पवित्र सान्निध्य में यह ऐतिहासिक मिलन सृजित हुआ है। तमिलनाडु से सोमनाथ आए बंधुओं का स्वागत करते हुए पटेल ने कहा कि सदियों पहले तमिलनाडु जा चुके सौराष्ट्र मूल के तमिल निवासियों को अपने पैतृक वतन की यात्रा करने और इस प्रकार दो संस्कृतियों के संगम के उत्सव का यह अनूठा कार्यक्रम यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के सपने को पूर्ण करने की दिशा में अति महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। 

‘सौराष्ट्र-तमिल संगम’ उत्सव इस राष्ट्रीय एकता की नींव मज़बूत करेगा

उन्होंने कहा कि दो विशिष्ट संस्कृतियों के संगम का यह अनूठा कार्यक्रम भारत के सांस्कृतिक इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय बनेगा। श्री पटेल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जात-पात या किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना सब का समावेश करने वाली विकास की राजनीति की शुरुआत की है। उन्होंने तमिल बंधुओं से अनुरोध किया कि वे गुजरात के विभिन्न तीर्थ स्थानों और दूसरे प्रसिद्ध स्थलों को ज़रूर विज़िट करें और साथ ही दूसरों को इसके 
लिए प्रेरित करें।

इस उत्सव के बाद तमिलनाडु व गुजरात के बीच साहित्य, व्यापार, संस्कृति एवं वाणिज्य का आदान-प्रदान बढ़ेगा

श्री पटेल ने आगे कहा कि भारत में विभिन्न भाषाएँ व अलग-अलग संस्कृति हैं, परंतु ये अलग-अलग संस्कृति, ध्येय और भावना से सभी एक सूत्र में जुड़े हुए हैं। कृष्णलाल श्रीधराणी और झवेरचंद मेघाणी जैसे साहित्यकारों के जरिये गुजराती साहित्य उज्ज्वल बना है, तो उसी प्रकार तमिल भाषा में वही भावनाएँ व्यक्त करने वाले कवि सुब्रमणियम जैसे कवि रत्न हैं। ये सारी बातें हम सब को जोड़ती हैं। नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में सौराष्ट्र-तमिल संगम के बाद तमिलनाडु तथा गुजरात के बीच साहित्य, व्यापार, संस्कृति तथा वाणिज्य का आदान-प्रदान बढ़ेगा। यह उत्सव हमारे राष्ट्रीय एकता की नींव बनेगा। उन्होंने अपील की कि इस माध्यम से हम अधिक से अधिक निकट आने का सामूहिक प्रयास करते रहें। मुख्यमंत्री ने ‘निक्का नांदरी’, ‘जय सोमनाथ’, ‘जय-जय गरवी गुजरात’ से संबोधन का समापन किया।