गुजरात में अप्रैल के अंतिम सप्ताह को 'स्वागत सप्ताह' के रूप में मनाने का निर्णय

24 अप्रैल 2003 को शुरू हुआ सुशासन का नया प्रयोग 21वें साल में प्रवेश करेगा

गुजरात में अप्रैल के अंतिम सप्ताह को 'स्वागत सप्ताह' के रूप में मनाने का निर्णय

गांधीनगर (गुजरात), 14 अप्रैल (हि.स.)। गुजरात सरकार ने आमजन की शिकायतों के शीघ्र निवारण के लिए 24 अप्रैल, 2003 से देश में अपने तरह का पहला ऑनलाइन लोक शिकायत निवारण 'स्वागत' कार्यक्रम शुरू किया था। तब गुजरात के मुख्यमंत्री वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे। उनका यह प्रयोग इस साल 24 अप्रैल को 21वें साल में प्रवेश करेगा। गुजरात का यह स्वागत कार्यक्रम प्रौद्योगिकी के प्रयोग से दुनिया में सुशासन का उदाहरण बन चुका है।

इस 'स्वागत' कार्यक्रम के कारण लोगों को सचिवालय तक नहीं जाना पड़ता है। तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2003 से हर महीने के चौथे गुरुवार को शिकायत निवारण दिवस के रूप में शुरू किया था। इसके लिए संवेदनशील प्रक्रिया विकसित की गई। वो स्वयं इस कार्यक्रम में शामिल होते थे। आम नागरिकों की समस्या सुनकर उचित निवारण करते थे।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सरकार ने इस अभिनव प्रयोग की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अप्रैल के अंतिम सप्ताह को स्वागत सप्ताह के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री पटेल के निर्देशन में प्रधानमंत्री की सुशासन की परंपरा को जारी रखते हुए 11 से 29 अप्रैल तक ग्राम, तालुका एवं जिला में स्वागत कार्यक्रम की योजना को अंतिम रूप दे दिया है।

मुख्य सचिव राजकुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों से तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक सुझाव दिए। ग्राम स्वागत की शिकायतों को प्राप्त करने के लिए 17 अप्रैल तक शिविर लगेंगे। इसकी शुरुआत 11 अप्रैल को हो चुकी है। शिविर में प्राप्त ऐसे आवेदनों को तालुका स्वागत में सम्मिलित कर उनके त्वरित निराकरण एवं ग्राम स्वागत को सुदृढ़ करने के लिए वर्ग-2 के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

इतना ही नहीं, बाइसेग-सैटकॉम द्वारा पहली अप्रैल को तलाटी, सरपंच और ग्राम पंचायत सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस स्वागत सप्ताह के दौरान 24 से 26 अप्रैल तक 33 जिलों के विभिन्न तालुकों में तालुकावार स्वागत समारोह आयोजित किए जाएंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर, जिला विकास अधिकारी, एसपी सहित वरिष्ठ अधिकारी करेंगे।

प्रत्येक माह होने वाली राजस्व अधिकारियों की बैठक में तालुका स्वागत के मुद्दों की समीक्षा भी की जाएगी। ग्राम एवं तालुका स्वागत के अवसर पर 27 अप्रैल को जिला स्वागत का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में तालुका स्वागत में उठाए गए मुद्दों की समीक्षा करने और जिला स्वागत में तालुका स्तर पर हल नहीं किए गए मुद्दों को हल करने की योजना बनाई जाएगी।

इसके अलावा जिला अभिनंदन में उठाई गई समस्याओं को अभियान के रूप में हल करने के लिए योजना बनाने के निर्देश भी हर जिला कलेक्टर को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल अप्रैल के अंतिम गुरुवार (27 अप्रैल) को 'स्वागत सप्ताह' के तहत राज्य स्वागत कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रामीण नागरिकों तक प्रौद्योगिकी का दायरा बढ़ाया है और 'घर अंगने सरकार' की परंपरा शुरू की है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल इस सुशासन परंपरा को जनोन्मुखी बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं।