
अहमदाबाद : मादक पदार्थों की तस्करी में बच्चों के इस्तेमाल पर राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को एक रिपोर्ट सौंपी
रिपोर्ट से पता चला कि पिछले दो वर्षों में एनडीपीएस के तहत 177 मामलों में 5 किशोर आरोपी थे
वर्ष 2020 से 2022 के बीच एनडीपीएस एक्ट के कुल 177 मामले दर्ज कर 251 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया
उच्च न्यायालय ने इससे पहले राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी में बच्चों के इस्तेमाल को लेकर एक स्वत: संज्ञान याचिका दायर की थी। जिस पर गुरुवार को आगे की सुनवाई हुई। वर्ष 2020 से 2022 के बीच एनडीपीएस एक्ट के कुल 177 मामले दर्ज कर 251 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य सरकार ने रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया है कि 5 नाबालिग आरोपी हैं। गुरुवार को सुनवाई में एसओजी ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया।
हाईकोर्ट ने चेकिंग कराने का आश्वासन दिया
बच्चों को ड्रग पेडलर के रूप में इस्तेमाल किए जाने की मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा पुलिस द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा हाईकोर्ट में पेश किया गया। जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा संदिग्ध क्षेत्रों में सघन चेकिंग करने का आश्वासन दिया है। फिलहाल 20 किशोरों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत 18 मामले दर्ज किए गए हैं। कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की गई है कि राज्य सरकार ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिए उचित कदम उठा रही है।
अहमदाबाद शहर में ई-सिगरेट से जुड़े चार अपराध
राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया कि सरकार ने अदालत के समक्ष कहा था कि स्कूल और कॉलेज के आसपास तंबाकू और नशीले पदार्थों के दुषण को रोकने के लिए नियमित जांच की जा रही है। सरकार ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों के आसपास तंबाकू और अन्य वर्जित वस्तुओं की बिक्री के लिए चलाए गए अभियानों में 2,609 अपराध दर्ज किए गए हैं। ऐसे मामलों में 3,92,000 का जुर्माना लगाया गया है। अहमदाबाद शहर में ई-सिगरेट से संबंधित चार अपराध दर्ज किए गए हैं। जिसमें 3,266 ई-सिगरेट जब्त की गई है। हाईकोर्ट ने इन बच्चों की तस्करी के मामले में सरकार को सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। अब इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 16 जून को होगी।