गुजरात : कलोल कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, रेप के आरोपी को फांसी की सजा, 50 हजार का जुर्माना भी लगाया

अदालत इससे पहले दुष्कर्म के दो अन्य मामलों में आरोपी को उम्रकैद की सजा सुना चुकी है

गुजरात : कलोल कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, रेप के आरोपी को फांसी की सजा, 50 हजार का जुर्माना भी लगाया

आरोपी ने दस दिनों की छोटी सी अवधि में तीन से अधिक बलात्कार किए, जिससे पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया

गांधीनगर जिले के कलोल क्षेत्र में हड़कंप मचाने वाले दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने सीरियल रेपिस्ट को फांसी की सजा सुनाई है। सांतेज गांव के बाहरी इलाके से एक बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में कलोल कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश ए.ए. नानावटी ने पॉक्सो एक्ट की धारा 5 एवं 6 के तहत आरोपी को मृत्युदंड एवं पचास हजार रुपये दंड का आदेश किया है। अदालत इससे पहले आरोपी विजय पोपटजी ठाकोर को दुष्कर्म के दो अन्य मामलों में उम्रकैद की सजा सुना चुकी है।

पुलिस की ओर से कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई

प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी विजय पोपटजी ठाकोर ने सांतेज गांव के समीप लकड़ी बुन रही एक बालिका का अपहरण कर लिया था। आरोपी ने बच्ची को अपनी मोटरसाइकिल पर बिठाया और रांचरडा-खात्रज मार्ग पर नास्मेद नहर के पास खेत के सुनसान जगह में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म कर गुप्त भाग में चोट पहुंचाकर कर फरार हो गया। इस घटना के बाद पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया था। पुलिस द्वारा अदालत में चार्जशीट दायर किए जाने के बाद कलोल कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश ए.ए. नानावटी के समक्ष मामला चला।

पचास हजार रुपये दंड भरने का आदेश दिया

अभियोजन पक्ष के सरकारी वकील सुनील पंड्या ने दलील देते हुए कहा कि आरोपी नाबालिग लड़कियों के साथ इस तरह के अपराध करने के आदी हैं। सामने आया है कि उसने दस दिन के छोटे से अंतराल में तीन बच्चियों के साथ दुष्कर्म किया। जिससे उसे मौत की सजा दी जाए। जिसके बाद अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए सरकारी वकील की दलीलों को स्वीकार करते हुए आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत मौत की सजा और पचास हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया। कलोल कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को लेकर गंभीर अपराधों में शामिल आरोपियों में खलबली मच गई है।

इससे पहले दो बच्चियों के साथ रेप किया गया था

आरोपी ने दस दिन की छोटी सी अवधि में तीन दुष्कर्म किए, जिससे पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया था। जिसके बाद पुलिस ने सीरियल रेपिस्ट को गिरफ्तार करने की कवायद शुरू कर दी। कोर्ट ने पिछले दो फैसलों में आरोपी को 20 साल कैद की सजा सुनाई है। आरोपी ने तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और उसके शव को नाले में फेंक दिया था। इसके अलावा एक अन्य मामले में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म कर मोबाइल फोन लूट लिया गया। ये दोनों मामले कोर्ट में गए और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

पीड़िता को दस लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश

कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता को दस लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया। जिसमें से चार लाख रुपये की राशि का भुगतान पूर्व में किया जा चुका है। मामले की गंभीरता और बालिका की शारीरिक स्थिति को देखते हुए छह लाख रुपये अतिरिक्त देने का आदेश दिया गया है, जिससे पीड़िता को कुल दस लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। कलोल कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाते ही आरोपी रो पड़ा। छोटी-छोटी बच्चियों को फूल जैसी छोटी-छोटी बच्चियों से दुष्कर्म करने के बाद उनकी हत्या करने वाले आरोपी पर चारों ओर से आरोप लग रहे थे। कलोल कोर्ट में पहली बार फांसी की सजा होने पर परिसर में भी गहमागहमी रही।

525 दिन बाद पीड़िता को न्याय मिला

आरोपी ने चार नवंबर 2021 को कलोल के सांतेज में बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। इस घटना की काली करतूत पूरे गांधीनगर जिले में गूंज उठी थी।  रेप पीड़िता को 525 दिन बाद इंसाफ मिला। दुष्कर्म पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिंदगी और मौत के बीच झूल रही बच्ची के इलाज का खर्च गांधीनगर पुलिस ने उठाया था। गांधीनगर जिले के तत्कालीन पुलिस प्रमुख के साथ-साथ रेंज आईजी और अन्य पुलिस कर्मियों ने मानवता दिखाई और इलाज का खर्च उठा लिया था।