ग्लोबल वार्मिंग है बहुत बड़ी चिंता का एक विषय, आने वाले समय में पानी में समा जाएंगे कई शहर

एक तरफ धरती के कुछ हिस्सों में सूखे जैसे हालात बन रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ शहर ऐसे भी हैं जहां भविष्य में जलभराव का खतरा मंडरा रहा है

ग्लोबल वार्मिंग है बहुत बड़ी चिंता का एक विषय, आने वाले समय में पानी में समा जाएंगे कई शहर

भारत में इस बार फरवरी के महीने से ही गर्मी ने अपना रूख दिखाना शुरू कर दिया था और अभी अप्रैल में भी जमकर गर्मी हो रही है। भारत ही नहीं दुनिया के कई देश गर्मी की मार झेल रहे हैं। एक तरफ धरती के कुछ हिस्सों में सूखे जैसे हालात बन रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ शहर ऐसे भी हैं जहां भविष्य में जलभराव का खतरा मंडरा रहा है। इसमें कोई शक नहीं है कि ग्लोबल वार्मिंग अभी एक चिंता का विषय है। ग्लोबल वार्मिंग से दुनिया भर के देश चिंतित हैं। इसी क्रम में वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि अगर उचित उपाय नहीं किए गए तो दुनिया के कई खूबसूरत शहर पानी में डूब जाएंगे।

गर्मी का डूबते शहरों से क्या लेना-देना है?

आपको बता दें कि 1880 के बाद से, औसत वैश्विक तापमान में लगभग एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। वैज्ञानिकों को डर है कि 2035 तक यह 0.3 से 0.7 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। दरअसल गर्मी बढ़ने या कहें ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। जिससे समुद्र का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। यह तेजी से कुछ शहरों के अस्तित्व के अंत की ओर बढ़ रहा है।

आपदा की घटनाएं बढ़ेंगी

तापमान में वृद्धि के कारण जल बड़ी मात्रा में पृथ्वी से वाष्पित होकर वायुमंडल में चला जाता है। यह भारी बारिश के रूप में गिरती है और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा करती है। गर्मी बढ़ने के साथ ही ऐसी घटनाएं बढ़ेंगी। इसके साथ ही चक्रवात और तूफान जैसी घटनाएं भी बढ़ेंगी। इस प्रकार बढ़ते जल स्तर के साथ-साथ कई अन्य कारक भी शहरों के अस्तित्व को खतरे में डाल देंगे।

गर्मी के कारण समुद्र का स्तर कैसे बढ़ रहा है?

समुद्र के स्तर में वृद्धि के लिए बढ़ता तापमान सीधे तौर पर जिम्मेदार है। वास्तव में, गर्मी या ग्लोबल वार्मिंग दो मुख्य तरीकों से समुद्र के स्तर में वृद्धि का कारण बनती है। बढ़ते तापमान के कारण ग्लेशियर और भूमि आधारित बर्फ तेजी से पिघलती है। इसका जल स्थल से नदियों आदि के द्वारा समुद्र में पहुँचता है। ऊष्मा के कारण ऊष्मीय प्रसार की प्रक्रिया में गर्म जल अधिक स्थान घेरता है। इसलिए महासागर का आयतन बढ़ता है और इसका जल स्तर बढ़ता है। इसके अलावा कुछ स्थानीय कारक भी समुद्र के स्तर में तेजी से वृद्धि कर सकते हैं। जैसे समुद्र की धाराएँ और धरातल का डूबना आदि।