अहमदाबाद : जूनियर क्लर्क पेपर लीक मामले में आरोपी से पेपर खरीदने के आरोप में 30 छात्र गिरफ्तार

जूनियर क्लर्क परीक्षा कॉललेटर, ब्लैंक चेक, मूल प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों के आधार पर हुई कार्रवाई

अहमदाबाद : जूनियर क्लर्क पेपर लीक मामले में आरोपी से पेपर खरीदने के आरोप में 30 छात्र गिरफ्तार

जूनियर क्लर्क पेपरलेक मामले में अब तक 25 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं

 राज्य में करीब 10 लाख छात्र आगामी 9 अप्रैल को जूनियर क्लर्क परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं। इससे पहले गुजरात एटीएस ने जूनियर क्लर्क पेपर लीक मामले में 10 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जूनियर क्लर्क पेपर लीक मामले में अब तक 25 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके अलावा एटीएस ने करीब 30 परीक्षार्थियों को भी पकड़ा है, जिन्होंने आरोपियों से पेपर खरीदे थे।

भास्कर चौधरी के दफ्तर पर छापा 

पेपर लीक के मुख्य आरोपी भास्कर चौधरी के वडोदरा में स्टैकवाइज टेक्नोलॉजी स्थित उनके कार्यालय पर छापा मारा गया। इस दरम्यान उनके कार्यालय से पेपर लीक मामले में जुड़े अन्य आरोपी, एजेंटों के वाहनों से पकड़े गये छात्रों का 29 जनवरी 2023 को होने वाली जूनियर क्लर्क की परीक्षा के कॉललेटर, कोरी चेक, मूल प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए। 

पुलिस ने 30 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया है

इन गिरफ्तार परीक्षार्थियों से आगे पूछताछ करने पर परीक्षार्थियों को वड़ोदरा स्थित स्टैकवाइज टेक्नोलॉजी कार्यालय में जूनियर क्लर्क परीक्षा से एक रात पहले परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का विवरण दिया जाना था। बदले में पेपर लीक के आरोपियों को 12 से 15 लाख रुपये देने के लिए तय किये गये थे। पुलिस ने 30 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया है। बाकी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी होनी बाकी है।

एटीएस ने 10 और आरोपियों को किया गिरफ्तार 

गुजरात एटीएस की टीम जूनियर क्लर्क परीक्षा के पेपरलिंक मामले में काफी सक्रिय है और एक-एक कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर रही है। फिलहाल जूनियर क्लर्क पेपर लीक मामले में शामिल 10 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिसके बाद अब जूनियर क्लर्क पेपरलीक मामले में 25 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।

गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी

हसमुख पटेल ने जूनियर क्लर्क परीक्षा के मुद्दे पर कहा कि परीक्षा में शामिल होने वाले स्टाफ को ट्रेनिंग दे दी गई है। कदाचार निवारण अधिनियम लागू किया गया है। इसलिए भविष्य के उदाहरण मामले में हम 5 से 10 साल की सजा देंगे। परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली गई है। प्रश्न पत्र के बारे में गुप्त सूचना जारी करना अपराध है और गलत करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नया कानून में 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने समेत कई प्रावधान हैं। इसलिए अगर कोई ऐसा करने की हिम्मत करता है तो मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि वह रुक जाएं क्योंकि बाद में अगर वे पकड़े गए तो सरकारी परीक्षा तो ठीक होगी, लेकिन उन्हें जिंदगी भर की सजा दी जाएगी।

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