पहले जम्मू-कश्मीर और अब आंध्रप्रदेश से मिला वैज्ञानिकों को रासायनिक खजाना, ऊर्जा से लेकर सुरक्षा के क्षेत्र में मिलेगी बड़ी मदद

फरवरी में, सरकार ने घोषणा की कि जम्मू और कश्मीर में लिथियम के भंडार खोजे गए, अब आंध्र प्रदेश की धरती से 15 दुर्लभ तत्व मिले

पहले जम्मू-कश्मीर और अब आंध्रप्रदेश से मिला वैज्ञानिकों को रासायनिक खजाना, ऊर्जा से लेकर सुरक्षा के क्षेत्र में मिलेगी बड़ी मदद

जम्मू-कश्मीर के बाद अब आंध्र प्रदेश की धरती से खजाना निकला है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों को दक्षिण भारतीय राज्य के अनंतपुर जिले में पृथ्वी से 15 दुर्लभ तत्व मिले हैं। ये तत्व मोबाइल से लेकर टीवी और कंप्यूटर तक हर चीज के लिए उपयोगी हैं। यह शोध तब किया गया जब हैदराबाद में नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक साइनाइट जैसी चट्टानों के लिए सर्वे कर रहे थे।

ऊर्जा, एयरोस्पेस, रक्षा और स्थायी चुम्बक बनाने में उपयोगी है ये खजाना

आपको बता दें कि इस सर्वे के दौरान वैज्ञानिकों को एलानाइट, सेरीएट, थोराइट, कोलम्बाइट, टैंटलाइट, एपेटाइट, जिरकोन, मोनाज़ाइट, पायरोक्लोर ऑक्सेनाइट और फ्लोराइट पाए जाने की सूचना है। साथ ही रेड्डीपल्ली और पेद्दावदागुरु गांवों में विभिन्न आकारों के ज़िरकॉन पाए गए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि पाए गए तत्वों के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए शोध किया जाएगा। इन तत्वों का उपयोग स्वच्छ ऊर्जा, एयरोस्पेस, रक्षा और स्थायी चुम्बक बनाने में किया जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वे इन तत्वों के धातु संबंधी प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिए काम कर रहे हैं। धातुकर्म भूविज्ञान की ही एक शाखा है।

फरवरी में मिले थे लिथियम के भंडार 

गौरतलब है कि फरवरी में, सरकार ने घोषणा की कि जम्मू और कश्मीर में लिथियम के भंडार खोजे गए हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पाया कि रियासी जिले के सलाल हैमाना क्षेत्र में लगभग 5.9 मिलियन टन लिथियम है। स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य गैजेट्स के लिए बैटरी के अलावा, लिथियम इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली रिचार्जेबल बैटरी के लिए भी महत्वपूर्ण है।