यूपीआई से लेन-देन में लोगों ने बनाया नए रिकॉर्ड, ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 14.05 लाख करोड़ रुपए के पार

इस वर्ष जनवरी से लगातार तीसरे महीने यूपीआई के माध्यम से 8 अरब से अधिक लेनदेन दर्ज

यूपीआई से लेन-देन में लोगों ने बनाया नए रिकॉर्ड, ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 14.05 लाख करोड़ रुपए के पार

देश में यूपीआई सिस्टम के जरिए लेन-देन नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। मार्च महीने के लिए आज जारी किए गए डेटा में यूपीआई के जरिए रिकॉर्ड 8.7 अरब ट्रांजेक्शन दर्ज किए गए। जिसकी वैल्यू 14.05 लाख करोड़ रुपए हो गई है। जो अब तक का नया रिकॉर्ड है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जनवरी से लगातार तीसरे महीने यूपीआई के माध्यम से 8 अरब से अधिक लेनदेन दर्ज किए गए हैं।

मार्च 2022 में यूपीआई के जरिए ट्रांजैक्शन का आंकड़ा 5.4 अरब 

आपको बता दें कि पिछले साल मार्च 2022 में यूपीआई के जरिए 5.4 अरब ट्रांजैक्शन रजिस्टर किए गए थे। जिसकी वैल्यू 9.6 लाख करोड़ रुपए थी। इस प्रकार इस वर्ष मार्च माह में लेन-देन में 60 प्रतिशत तथा मूल्य में 46 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। जानकार के मुताबिक, भविष्य में ये लेन-देन और भी बढ़ने की संभावना है। इस बीच, एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा कि भारत न केवल तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए तैयार है, बल्कि कम और मध्यम आय वाले देशों को भी धन मुहैया कराने के लिए तैयार है, जो अपनी डिजिटल भुगतान प्रणाली को सुधारने या विकसित करने में रुचि रखते हैं।

जी20 अध्यक्षता में यूपीआई को प्रदर्शित कर सकता है भारत

भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने पिछले महीने कहा था कि कैरेबियन और दक्षिण प्रशांत क्षेत्र और कुछ लैटिन अमेरिकी देश यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या इसी तरह की तकनीक का उपयोग करने के इच्छुक हैं। इस तरह की कवायद के लिए धन मुहैया कराने से मध्यम और निम्न आय वाले देशों तक भारत की पहुंच को एक नई दिशा मिलेगी। आधार, यूपीआई जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में सफलता कुछ ऐसा है जिसे भारत अपने जी20 अध्यक्षता में प्रदर्शित करना चाहता है।

नीति की समीक्षा होने तक लेन-देन मुक्त

युनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस इकोसिस्टम पर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा किए गए कुछ भुगतानों पर लागू होने वाले शुल्क जरूरी नहीं कि सभी यूपीआई पर लागू हों। उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों के लिए लगभग 99.99% यूपीआई लेनदेन (खाते से खाते में स्थानांतरण) मुफ्त होगा। साथ ही, जब तक सरकार नीति की समीक्षा करने का फैसला नहीं करती, तब तक यह सुविधा मुफ्त रहेगी।

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