आंध्र प्रदेश : कानूनी पचड़ों में फंसा भगवान का पैसा, इस कारण से बैंक ने किया दान में मिले पैसों को जमा करने से इनकार

आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगवान को चढ़ाया गया धन कानूनी नियमों के चलते बैंक में जमा नहीं हो रहा है

आंध्र प्रदेश : कानूनी पचड़ों में फंसा भगवान का पैसा, इस कारण से बैंक ने किया दान में मिले पैसों को जमा करने से इनकार

आपने कई बार सुना होगा कि आम आदमी का पैसा कार्यवाही के पचड़ों में फंस जाता है और फिर आम आदमी को बहुत तकलीफ झेलनी पड़ती है। इस समय आम आदमी भगवान को याद करता है लेकिन अगर आपको पता चले कि भगवान का ही पैसा कहीं अटका हुआ है और वह भी कानूनी पचड़ों के कारण तो स्वाभाविक रूप से आपको भी हैरानी होगी। हम कोई किस्सा नहीं बता रहे बल्कि यह एक सच्चाई है। ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर से सामने आया है।

क्या है पूरा मामला?

हैरान कर देने वाला यह मामला आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर से जुड़ा है। यहां मंदिर में भगवान को चढ़ाया गया धन कानूनी नियमों के चलते अटका हुआ है। मंदिर में दान का पैसा बैंक में जमा नहीं हो रहा है। यह रकम भी बहुत बड़ी है। मंदिर द्वारा बैंक में जमा कुल राशि 26.86 करोड़ रुपये हो गई है। यह पैसा भक्तों ने मंदिर को दान किया था।

क्यों अटका हुआ है पैसा?

आपको बता दें कि मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम का पंजीकरण पिछले तीन साल से निलंबित है। पंजीकरण निलंबन विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत है, जो मंदिर को दान की गई विदेशी मुद्रा को बैंकों में जमा करने से रोकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब मंदिर ने इस मामले में सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

मंदिर ट्रस्ट ने दी पूरी जानकारी फिर भी सरकार ने मंदिर को थमाया नोटिस

हालांकि मंदिर ट्रस्ट ने सरकार से मदद मांगी, लेकिन सरकार ने समाधान के बजाय मंदिर को नोटिस जारी कर दिया। मंदिर ट्रस्ट दान की गई राशि को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में जमा करता है लेकिन ट्रस्ट का पंजीकरण निलंबित होने के कारण एसबीआई ने अब पैसा जमा करने से मना कर दिया है। हालांकि मंदिर ट्रस्ट ने विदेशों से मिले चंदे का पूरा ब्योरा भी सरकार को भेज दिया है। सरकार को भेजी गई जानकारी के मुताबिक, मंदिर को 11.50 करोड़ अमेरिकी डॉलर, 5.93 करोड़ मलेशियाई रिंगिट और 4.06 करोड़ सिंगापुर डॉलर का दान मिला है। इसके अलावा अन्य देशों से भी मंदिर को मुद्राओं में काफी दान मिला है।

एसबीआई ने क्यों किया इनकार?

एफसीआरए एक्ट 2020 में बदलाव के कारण किसी भी एनजीओ को विदेश से प्राप्त धन जमा करने के लिए एसबीआई में खाता खोलना होगा। मंदिर के दानदाताओं के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने से एसबीआई ने इस पैसे को जमा करने से साफ इनकार कर दिया है। विदेशी अंशदान अधिनियम के तहत मंदिर का पंजीकरण पिछले तीन वर्षों से निलंबित है। इस मामले में मंदिर पर जुर्माना भी लगाया गया है।