गुजरात : भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग और गुजरात काउंसिल ऑफ साइंस सिटी के बीच गांधीनगर में हुआ एमओयू

साइंस सिटी में आकार लेगी न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी गैलरी

गुजरात : भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग और गुजरात काउंसिल ऑफ साइंस सिटी के बीच गांधीनगर में हुआ एमओयू

10 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली गैलरी आगंतुकों को प्रदान करेगी अणु ऊर्जा से संबंधित अनोखा एडुटेनमेंट अनुभव

अहमदाबाद स्थित साइंस सिटी के आकर्षणों में न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी गैलरी के निर्माण से एक और नया मील का पत्थर जुड़ जाएगा। साइंस सिटी में इस गैलरी की स्थापना करने के लिए गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की प्रेरक उपस्थिति में भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) और गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की गुजरात काउंसिल ऑफ साइंस सिटी (जीसीएससी) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर मुख्य सचिव राज कुमार और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज जोषी भी उपस्थित रहे।

न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी गैलरी का निर्माण साइंस सिटी के प्लेनेट अर्थ पवेलियन में 10 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता से होगा

न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी गैलरी का निर्माण साइंस सिटी के प्लेनेट अर्थ पवेलियन में 10 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता से होगा और इसका निर्माण 12 महीने में पूरा होने का अनुमान है। एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान भारत सरकार के परमाण ऊर्जा विभाग के सचिव एवं परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) के अध्यक्ष के.एन. व्यास तथा राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव विजय नेहरा ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को इस नई गैलरी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी गैलरी में परमाणु और अणु ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित तथा विभिन्न आधुनिक प्रदर्शनियां दिखाई जाएंगी। इतना ही नहीं, यह गैलरी परमाणु और अणु ऊर्जा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की ओर सफर को भी प्रदर्शित करेगी। यहां इस सफर की छोटी शुरुआत से लेकर इस क्षेत्र में वैश्विक खिलाड़ी बनने तक के परिवर्तनकारी सफर को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

परमाणु और अणु ऊर्जा के बारे में समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन करेगी

साइंस सिटी परमाणु और अणु ऊर्जा तथा उसके शांतिपूर्ण उपयोगों तथा इन उपयोगों के बारे में समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इसके लिए परमाणु ऊर्जा विभाग तकनीकी सहायता प्रदान करने के साथ ही प्रदर्शनी के लिए वैचारिक (कल्पनात्मक) डिजाइन, विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण और गैलरी के विकास के लिए सहायता देगा। अत्याधुनिक न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी गैलरी के विकास से आगंतुकों को विभिन्न इमर्सिव एक्सपीरियंस प्रदर्शनियों, वर्किंग मॉडल्स, इंफोग्राफिक्स एआर/वीआर (संवर्धित और आभासी वास्तविकता) और ऑडियो-विजुअल्स के साथ अनोखा एडुटेनमेंट (मनोरंजन के साथ शिक्षा) अनुभव प्राप्त होगा तथा परमाणु और अणु ऊर्जा से संबंधित विभिन्न परिमाणों का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।

साइंस सिटी और डीएई के बीच यह अनोखा सहयोग परमाणु एवं अणु ऊर्जा के क्षेत्र में युवाओं में और अधिक उत्साह पैदा करेगा 

साइंस सिटी और डीएई के बीच यह अनोखा सहयोग परमाणु एवं अणु ऊर्जा के क्षेत्र में युवाओं में और अधिक उत्साह पैदा करेगा तथा न्यूक्लियर साइंस टेक्नोलॉजी में उनकी रुचि को भी बढ़ावा देगा। इस अवसर पर इंस्टीट्यूट ऑफ प्लाज्मा रिसर्च (आईपीआर) के निदेशक डॉ. शशांक चतुर्वेदी, डॉ. ए.वी. रविकुमार तथा साइंस सिटी के कार्यकारी निदेशक जितेंद्र वदर एवं महाप्रबंधक डॉ. व्रजेश परीख आदि उपस्थित रहे।