गुजरात : सरकार ने 189 गुजराती फिल्मों को 47 करोड़ की सहायता दी, इस साल 43 फिल्मों को सहायता दी जाएगी

गुजरात : सरकार ने 189 गुजराती फिल्मों को 47 करोड़ की सहायता दी, इस साल 43 फिल्मों को सहायता दी जाएगी

गुजराती फिल्मों को ग्रेड के आधार पर 5 लाख से लेकर 75 लाख तक की सहायता दी जाती है

विधानसभा में गुजराती फिल्मों को बढ़ावा देने के सवाल के जवाब में मंत्री राघवजी पटेल ने मुख्यमंत्री की ओर से कहा है कि राज्य सरकार गुजराती फिल्मों के प्रचार-प्रसार के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। राज्य सूचना और प्रसारण विभाग द्वारा अब तक 189 गुजराती फिल्मों को 47 करोड़ की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इस साल 43 फिल्मों को जल्द ही सब्सिडी मिलेगी।

गुजराती फिल्मों को ग्रेड के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है

उन्होंने कहा कि गुजराती फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए यह समर्थन देने की नीति 2016 से चली आ रही है और 2019 में इसे उदार पर वित्तीय सहायता दिया जा रहा है। इस पॉलिसी के तहत फिल्मों को उनके ग्रेड के हिसाब से सहायता दी जाती है। जिसमें ए प्लस ग्रेड के लिए 75 लाख रुपये, ए ग्रेड के लिए 50 लाख रुपये, बी ग्रेड के लिए 40 लाख रुपये, सी ग्रेड के लिए 30 लाख रुपये, डी ग्रेड के लिए 20 लाख रुपये, ई ग्रेड के लिए 10 लाख रुपये और एफ ग्रेड के लिए 5 लाख रुपये शामिल हैं। 

सदस्यों की एक समिति गठित की जाती है

गुजराती फिल्मों के चयन के लिए विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि यह विशेषज्ञ समिति राज्य के सूचना एवं प्रसारण विभाग द्वारा गठित की गई है। जिसमें विशेषज्ञों, प्रसिद्ध निर्देशकों, प्रसिद्ध अभिनेताओं और प्रसिद्ध लेखकों का एक पैनल तैयार किया गया है, जिसमें से आवश्यकता के अनुसार सदस्यों की एक समिति बनाई जाती है। अधिकांश सदस्य गुजराती हैं। इसी समिति के माध्यम से गुजराती फिल्मों को सहायता के लिए आवेदन आते हैं। उन सभी फिल्मों की स्क्रीनिंग और स्कोरिंग की जाती है। जिसके आधार पर ग्रेड तय कर सहायता दी जाती है।

43 फिल्मों को सब्सिडी देने का आदेश दिया गया

प्रदेश में पिछले दो वर्षों में प्राप्त 128 आवेदनों में से 43 फिल्मों को सहायता राशि देने का आदेश दिया गया है। शेष लंबित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण किया जाएगा। लंबित आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है। इसके लिए प्रति आवेदन वाउचर सहित लगभग 200 से 1000 दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है। इसमें कुछ समय लगता है। निर्माताओं द्वारा आवश्यक दस्तावेज ठीक से प्रस्तुत नहीं करने के कारण देरी होती है। इसके लिए सरकार द्वारा सामने से समन्वय कर क्रियान्वयन किया जाता है। उन्होंने कहा कि पूरा होने पर सहायता राशि का वितरण किया जाएगा।