
उत्तर प्रदेश : सरकार ने किया एमएसएमई नीति में बदलाव, अब स्टाम्प शुल्क में छूट के लिए बैंक गारंटी की आवश्यकता
नए संशोधन के अनुसार निजी निवेशकों को स्टैंप ड्यूटी छूट का लाभ उठाने के लिए बैंक गारंटी प्रदान करनी होगी
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) नीति को संशोधित किया है। नए संशोधन के अनुसार निजी निवेशकों को स्टैंप ड्यूटी छूट का लाभ उठाने के लिए बैंक गारंटी प्रदान करनी होगी। नीति में कहा गया है कि बैंक गारंटी स्टांप शुल्क छूट से मेल खानी चाहिए और इकाई द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने के बाद जमा और जारी की जाएगी। उत्पादन शुरू होने की पुष्टि या तो जिलाधिकारी या जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक द्वारा की जाएगी।
पिछले साल लागू हुई थी एमएसएमई नीति
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने छोटी इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए अक्टूबर 2022 में एमएसएमई नीति को मंजूरी दी है। इस नीति में एमएसएमई औद्योगिक पार्कों, सम्पदाओं और 10 एकड़ या उससे अधिक में फैले फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स इकाइयों के लिए निजी क्षेत्र द्वारा भूमि की खरीद पर 100% स्टांप शुल्क छूट के प्रावधान शामिल हैं। । इसके अतिरिक्त, एमएसएमई इकाइयों के लिए स्टैंप ड्यूटी में छूट के अन्य प्रावधान भी हैं।
क्या है स्टंप शुल्क पर मिलने वाले लाभ का नियम
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार 10 एकड़ या उससे अधिक में एमएसएमई औद्योगिक पार्क स्थापित करने के इच्छुक निवेशकों को सभी स्टांप शुल्क से छूट दी जाएगी। महिला उद्यमियों को प्रदेश में कहीं भी इकाई लगाने पर शत-प्रतिशत छूट प्राप्त होगी। गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद को छोड़कर, मध्यांचल और पश्चिमांचल में छूट 75% होगी। साथ ही बुंदेल में एमएसएमई औद्योगिक इकाइयों को स्टांप शुल्क में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी।