भारतीय बार काउंसिल ने किया अपने नियमों में बड़ा बदलाव, अब से विदेशी वकील भी कर सकेंगे इस देश में ‘प्रैक्टिस’!

नए नियम के अनुसार अब से विदेशी वकील कोर्ट में पेश तो नहीं हो सकेंगे लेकिन वित्तीय लेन-देन, सलाह, सुझाव और अन्य काम कर सकते हैं

भारतीय बार काउंसिल ने किया अपने नियमों में बड़ा बदलाव, अब से विदेशी वकील भी कर सकेंगे इस देश में ‘प्रैक्टिस’!

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकीलों की प्रैक्टिस करने के लिए नया नियम लागू किया है। बार काउंसिल ने भारत में 'विदेशी वकीलों और विदेशी विधि फर्मों के पंजीकरण और विनियमन के लिए भारतीय विधिक परिषद नियम, 2022' को अधिसूचित कर विदेशी वकीलों और विधि कंपनियों को विदेशी कानून, अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दों और मध्यस्थता मामलों जैसे क्षेत्रों में प्रैक्टिस करने की अनुमति देने का फैसला किया है। इस नए नियम के अनुसार अब से विदेशी वकील भी भारत में पंजीकरण करा सकते हैं और प्रैक्टिस कर सकते हैं। अधिवक्ताओं के वैधानिक निकाय ने भारत में विदेशी अधिवक्ताओं और कानूनी फर्मों के पंजीकरण के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

क्या कहते हैं अभी के नियम

आपको बता दें कि हाल के नियमों के अनुसार विदेशी वकीलों और कानून फर्मों को भारत में अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय वकालत करने की अनुमति है लेकिन विदेशी वकील या विदेशी कानून फर्म भारत में प्रैक्टिस करने के हकदार नहीं हैं, जब तक कि वे बार काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ पंजीकृत नहीं हैं। साथ ही ये कोर्ट में पेश तो नहीं हो सकते लेकिन वित्तीय लेन-देन, सलाह, सुझाव और अन्य काम कर सकते हैं।

इस बारे में बार काउंसिल का क्या कहना है

वहीं इस बारे में बार काउंसिल ने कहा कि यह नियम वह अच्छी तरह से नियंत्रित और विनियमित होगा और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि यह भारत और विदेशों के वकीलों के लिए पारस्परिक रूप से फायदेमंद है।

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