तकनीक : अब सपनों को मिलेगा आकार, वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता

तकनीक : अब सपनों को मिलेगा आकार, वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता

एआई की मदद से किसी भी इंसान के सपने को कागज पर उकेरा जा सकेगा!

तकनीक दिन बा दिन खूब तरक्की कर रहा है। आज कल हर क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग आगे बढ़ रहा है। अब वैज्ञानिकों ने एआई की मदद से दिमाग को स्कैन करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इसके अनुसार अब हमारा दिमाग जो सपने में भी देखेगा, उसे एआई रीक्रिएट कर कागज पर उतार देगा। जापान के ओसाका विश्वविद्यालय के शोधकर्ता शिनजी निशिमोतो और यू ताकागी ने एआई का उपयोग करके मस्तिष्क गतिविधि को उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों में परिवर्तित कर दिया है।

कई मायनों में हो सकता है लाभकारी

आपको बता दें कि पहले एआई का इस्तेमाल चेहरे की तस्वीरें बनाने के लिए किया जाता था। पहली बार टेक्स्ट टू इमेज जेनरेशन स्टेबल डिफ्यूजन एआई एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया गया है। पहले, AI एल्गोरिदम मस्तिष्क स्कैन को डिकोड करने के लिए उपयोग किया जाता था जो केवल डेटा सेट पर निर्भर करता था। इस प्रकार के प्रयोग से लोगों के सपनों को रिकॉर्ड किया जा सकता है। लकवाग्रस्त लोगों के लिए ये वरदान स्वरूप होगा। इससे उनके बारे में जानने से मदद मिल सकती है। साथ ही साथ यह तकनीक यह भी बता सकती है कि जानवर और पक्षी दुनिया को कैसे देखते और समझते हैं।

कैसे होगी स्कैनिंग?

जब हमारा मस्तिष्क एक छवि देखता है, तो टेम्पोरल लोब सूचना को रिकॉर्ड करता है और ओसीसीपिटल लोब सोचने के तरीके को रिकॉर्ड करता है। यह जानकारी मस्तिष्क के कार्यात्मक चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग स्कैन के माध्यम से दर्ज की जाती है। इस दौरान हमारे रक्त प्रवाह में परिवर्तन होता है। इस बदलाव को एआई की मदद से तस्वीर में बदला जा सकता है