सूरत : मुंबई तक 297 किमी की दूरी 110 मिनट में तय कर धड़कता हुआ दिल ट्रांसप्लांट किया गया

डोनेट लाईफ संस्था की काऊन्सीलिंग से ब्रेनडेड व्यक्ति के अंगदान द्वारा 7 लोगों को दिया नया जीवन

सूरत : मुंबई तक 297 किमी की दूरी 110 मिनट में तय कर धड़कता हुआ दिल ट्रांसप्लांट किया गया

सूरत से अंगदान की चमक , फेफड़े, लिवर, किडनी और आंखें दान की गईं

केवल कपड़ा और हीरा ही नहीं, सूरत अब अंगदान शहर के रूप में जाना जाने लगा है।अब तक सूरत से 44 दिल दान किए जा चुके हैं।  फेफड़े दान करने की 14वीं घटना सामने आई है। सूरत के लेउवा पटेल समुदाय के 57 वर्षीय ब्रेनडेड विनोदभाई धीरूभाई वेकारिया के परिवार ने अंगदान कराकर सात जरूरतमंद लोगों को हृदय, फेफड़ा, लिवर, किडनी और आंखें दान कर मानवता की सुगंध फैलाकर समाज को एक नई दिशा दिखाई है। सूरत से मुंबई की 297 किलोमीटर की दूरी 110 मिनट में तय कर महाराष्ट्र के कोल्हापुर निवासी 59 वर्षीय व्यक्ति का मुंबई के जशलोक अस्पताल में हृदय प्रत्यारोपण किया गया और मुंबई के निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति का कांदिवली, सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में फेफड़ा प्रत्यारोपण किया गया। 

सिर दर्द की शिकायत के बाद ब्रेन हैमरेज हुआ

डोनेट लाईफ के संस्थापक निलेशभाई मांडलेवाला ने जानकारी देते हुए कहा कि मुल अमरेली जिले के रहने वाले और वर्तमान में सूरत के अमरोली में अपने परिवार के साथ रह रहे विनोदभाई को 8 मार्च की रात में सिरदर्द की शिकायत हुई। 9 मार्च को सुबह 5.30 बजे जब वह बेहोश हो गए तो परिजन उन्हे डॉ. वीनस अस्पताल ले गए। न्यूरोफिजिशियन गौरांग घिवाला के उपचार में भर्ती कराया गया। डायग्नोस्टिक सीटी स्कैन से ब्रेन हेमरेज और सेरेब्रल नस में ब्लड बैलून का पता चला। न्यूरोफिजिशियन डॉ. गौरांग घिवाला, इंटेंसिविस्ट डॉ. रौनक याग्निक, डॉ. आकाश बराड, डॉ. कृष्णा पटेल ने विनोदभाई को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।

पत्नी और परिवार ने अंगदान के लिए हामी भरी

विनोदभाई की पत्नी गीताबेन, बेटे अंकित और हिरेन, बहनोई राजेशभाई, हितेशभाई, कालूभाई और वेकरिया परिवार के अन्य सदस्यों को अंगदान और इसकी पूरी प्रक्रिया के महत्व के बारे में बताया। विनोदभाई की पत्नी गीताबेन ने कहा, "मेरे पति ब्रेन डेड हो चुके हैं और उनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है। ऑर्गन फेलियर के मरीजों के ज्यादा से ज्यादा अंग दान करके उन्हें जीवन दें। विनोदभाई के परिवार में उनकी पत्नी गीताबेन, 31 साल के बेटे अंकित और 29 साल के हिरेन हैं। जो ऑनलाइन साड़ी बेचने का बिजनेस कर रहे हैं। परिवार से अंगदान के लिए सहमति मिलने के बाद सोट्टो से संपर्क किया गया। सोट्टो द्वारा हार्ट जशलोक हॉस्पिटल, मुंबई, लंग सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल, किरण अस्पताल,सूरत को लीवर, एक किडनी ज़ाइडस, अहमदाबाद को और दूसरी आईकेडीआरसी को आवंटित की गई।

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अंगदान और ग्रीन कोरिडोर के लिए मददरूप हुए लोग

 

विभिन्न लोगों में अंगदान किए गए

हृदय का दान जशलोक अस्पताल, मुंबई में डॉ. उपेंद्र भालेराव और उनकी टीम ने , फेफड़ा दान सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल डॉ. मेनानदेर और उनकी टीम ने,  लिवर और किडनी डोनेट  किरण अस्पताल के डॉ. आदित्य नानावटी और उनकी टीम ने स्वीकार किया। लोक दृष्टि आई बैंक द्वारा नेत्रदान डॉ. प्रफुल्ल शिरोया ने स्वीकार किया।

ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया

मुंबई में दिल और फेफड़े की समय पर डिलीवरी के लिए वीनस हॉस्पिटल से सूरत एयरपोर्ट तक के रूट को ग्रीन कॉरिडोर बनाने में सूरत सिटी पुलिस का सहयोग लिया गया। आईकेडीआरसी अहमदाबाद में किडनी भेजने के लिए वीनस अस्पताल से अहमदाबाद आईकेडीआरसी अस्पताल तक के मार्ग को ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए राज्य के विभिन्न शहर और ग्रामीण पुलिस का सहयोग लिया गया।

अंगदान के लिए जनजागरूकता का काम करनेवाली डोनेट लाईफ संस्था के सहयोग से देश के अलग-अलग शहरों में दिल, फेफड़े, हाथ, लिवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को समय पर पहुंचाने के लिए सूरत शहर की पुलिस द्वारा अब तक 90 ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा चुके हैं।