सूरत : यार्न पर जारी गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का आईएस कोड अव्यावहारिक होने पर उद्यमियों की हुई बैठक

चेंबर ऑफ कॉमर्स के तत्वावधान में सूरत के उद्यमी सांसद दर्शनाबेन जरदोश, सांसद सी. आर. पाटिल और दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे: चैंबर अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला

सूरत : यार्न पर जारी गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का आईएस कोड अव्यावहारिक होने पर उद्यमियों की हुई बैठक

इसके क्रियान्वयन का समय बढ़ाया जाए और उद्योग हित में यार्न उपयोगकर्ताओं को विश्वास में लेकर आईएस कोड में संशोधन के बाद ही इसे लागू करें

शुक्रवार को दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में दोपहर 2 बजे बैठक हुई। इसमें चैंबर अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला, चैंबर के पूर्व अध्यक्ष व पांडेसरा बुनकर सहकारी समिति के अध्यक्ष आशीष गुजराती, चैंबर के मानद मंत्री भावेश टेलर, फोगवा अध्यक्ष अशोक जीरावाला, फियास्वी प्रतिनिधि रफीकभाई, केट प्रतिनिधि पुनम जोशी, वोर्प निटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रिजेश गोंडलिया और दक्षिण गुजरात टेक्सचराइजर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव सुरेश पटेल और अन्य यार्न निर्माता और आयातक उपस्थित थे।

बैठक में उद्योगपतियों के अनुसार भारत सरकार के केमिकल्स एन्ड फर्टिलाईजर मंत्रालय द्वारा सूरत के कपड़ा उद्योग में विविंग और निटिंग में अधिकतर कच्चे माल के रूप में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न यार्न जैसे के पॉलिएस्टर कंटीन्यूअस फिलामेंट यार्न, पॉलिएस्टर आंशिक रूप से ओरिएंटेड यार्न (पीओवाई), पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर, पॉलिएस्टर इंडस्ट्रीयल यार्न और 100 प्रतिशत पॉलिएस्टर स्पन ग्रे और सफेद यार्न पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश की घोषणा की गई है। इसे अगली तारीख  3 अप्रैल, 2023 से  अमल में लाया जाएगा।

गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के लागू होने के बाद उपरोक्त धागों, जिनके पास बीआईएस प्रमाणपत्र नहीं है उसका निर्माण, आयात, वितरण या बिक्री, भंडारण और बिक्री के लिए प्रदर्शन प्रतिबंधित होगा। इसके बाद यदि कोई उपभोक्ता या निर्माता या सूत का डीलर बिना बीआईएस के सूत के साथ पाया जाता है तो पहली बार उस पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, दूसरी बार 5 लाख और उसके बाद माल की किमत के दस प्रतिशत पेनल्टी लगाने के साथ 2 साल जेल की सजा का प्रावधान है। 

जैसा कि उपरोक्त गुणवत्ता नियंत्रण आदेश में उल्लेख किया गया है, बीआईएस द्वारा जारी आईएस कोड जैसे आईएस 17261:2022, आईएस 17262:2022, आईएस 17263:2022, आईएस 17264:2022, आईएस 17265:2022 में उल्लिखित विनिर्देश और पैकिंग सीमाएं उद्योगपतियों के मत से अव्यावहारिक हैं।

साथ ही शहर में कई यार्न निर्माताओं ने बीआईएस प्रमाणन प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन आईएस कोड में निर्दिष्ट विभिन्न परीक्षण विधियां और इन विधियों के लिए पर्याप्त उपकरण वर्तमान में उपलब्ध नहीं हैं। उद्योगपतियों ने कहा कि इन उपकरणों की डिलीवरी में डेढ़ से दो साल लग सकते हैं। ऐसी परिस्थितियों में 3 अप्रैल, 2023 से प्रभावी इन विनियमों के कारण बाजार में पोलिएस्टर धागे की कमी हो जाएगी और इससे लाखों बुनकरों को अपने उत्पादन के लिए धागा नहीं मिल पाएगा और बहुत अधिक कीमत पर धागा मिलने की संभावना है। इससे उद्योगपतियों ने कई बुनाई इकाइयों के पूरी तरह से बंद होने और कारीगरों के बेरोजगार होने की आशंका जताई है।

बैठक में उद्योगपतियों ने कहा कि आईएस कोड बनाने के लिए बीआईएस द्वारा गठित कमेटी में यूजर उद्योग के किसी प्रतिनिधि के नहीं होने से आईएस कोड कुछ हद तक अव्यावहारिक हो गया है। इसलिए घोषित आईएस कोड में नंबर एक और नंबर दो गुणवत्ता के बीच के अंतर को स्पष्ट किया जाना चाहिए और गुणवत्ता नियंत्रण क्रम में एक अतिरिक्त किया जाना चाहिए कि उपयोगकर्ता दोनों प्रकार की गुणवत्ता का उपयोग कर सकें। इसके लिए उद्योग के हित में सूत का उपयोग करने वालों को विश्वास में लिया जाना चाहिए और आईएस कोड में संशोधन कर जोड़ा जाना चाहिए।

मौजूदा आईएस कोड के अनुसार यदि बीआईएस प्रमाणित उद्योगपतियों के सामान का उपयोगकर्ता के पास पहुंचने के बाद पुन: निरीक्षण किया जाता है, तो यदि सामान निर्धारित आईएस कोड में उल्लिखित विनिर्देशों के अनुरूप नहीं हैं, तो उनका निपटान कैसे किया जाना चाहिए? यह गुणवत्ता नियंत्रण आदेश में भी निर्दिष्ट नहीं है, इसलिए इसे भी निर्दिष्ट किया जाना चाहिए। ताकि यूजर्स की दिलचस्पी बनी रहे।

भले ही भारत को यार्न की आपूर्ति करने वाली विदेशी कंपनियों ने वर्ष 2021 और 2022 में बीआईएस को अपना आवेदन दिया हो, लेकिन उनके कारखानों का निरीक्षण बीआईएस द्वारा नहीं किया गया है। जिससे उन्हें बीआईएस अंक नहीं मिले। ऐसे में पॉलिएस्टर यार्न का आयात पूरी तरह से बंद होने की संभावना है। जिससे बाजार में किल्लत होगी और कीमतों में भारी उछाल आने की संभावना है। उद्योगपतियों ने बैठक में मांग की कि व्यापार एवं व्यापारियों के हित में उपरोक्त गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के क्रियान्वयन को और अधिक समय तक बढ़ाया जाये तथा संशोधन एवं परिवर्धन के बाद ही इसे लागू किया जाये।

इस संबंध में चेंबर ऑफ कॉमर्स के तत्वावधान में सूरत के उद्योगपतियों ने भारत की केंद्रीय कपड़ा और रेल राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश और गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी. आर. पाटिल के साथ नई दिल्ली में भारत के केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया, केंद्रीय कपड़ा और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, कपड़ा सचिव रचना शाह और कपड़ा आयुक्त रूप राशी आमने-सामने प्रस्तुति देने का निर्णय लिया है। 

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