ब्रिटेन के शोधकर्ताओं को मिली बड़ी सफलता, घातक हड्डी के कैंसर पर अधिक असरकारक दवा पर चल रहे शोध का सकारात्मक परिणाम

ब्रिटेन के शोधकर्ताओं को मिली बड़ी सफलता, घातक हड्डी के कैंसर पर अधिक असरकारक दवा पर चल रहे शोध का सकारात्मक परिणाम

सर्जरी या कीमोथेरेपी की आवश्यकता के बिना जीवित रहने की दर को 50 प्रतिशत तक बढ़ा देगी ये दवा

तकनीक के बढ़ते प्रयास के साथ दिन बा दिन हर क्षेत्र में तरक्की हो रही है। मेडिकल के क्षेत्र में भी ऐसा ही हो रहा है। अब ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने एक नई दवा विकसित की है जो सभी मुख्य प्रकार के प्राथमिक हड्डी के कैंसर के खिलाफ काम करती है और सर्जरी या कीमोथेरेपी की आवश्यकता के बिना जीवित रहने की दर को 50 प्रतिशत तक बढ़ा देती है।

क्या है ये बीमारी और कैसे होता है इसका उपचार

आपको बता दें कि जब कैंसर की कोशिकाएं हड्डियों के अंदर फैल जाती हैं, तो उसे हड्डियों (बोन्स) का कैंसर कहते है। बोन कैंसर किसी भी हड्डी के अंदर हो सकता है, लेकिन खासकर बोन कैंसर हाथों और पैरों की हड्डियों में ज्यादा होता है। हड्डियों में शुरू होकर हड्डियों में फैलने वाला ये कैंसर मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। वर्तमान में इसके लिए कीमोथेरेपी कॉकटेल और अंग विच्छेदन ही उपचार है। इस सब के बावजूद, पांच साल की जीवित रहने की दर केवल 42 प्रतिशत कम है।  लेकिन जर्नल ऑफ बोन ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि सीएडीडी 522 नामक एक नई दवा मानव हड्डी के कैंसर से प्रत्यारोपित चूहों में कैंसर के फैलाव को चलाने वाले जीन को कैसे अवरुद्ध करती है। कीमोथेरेपी के विपरीत, यह बालों के झड़ने, थकान और बीमारी जैसे जहरीले दुष्प्रभाव भी पैदा नहीं करता है।

हर साल आते है इतने मामले सामने, क्या है नए शोध के अपेक्षित परिणाम

इस बीमारी की गंभीरता के बारे में बात करें तो दुनिया भर में हर साल इसके लगभग 52,000 नए मामले सामने आते हैं। ऐसे में नई दवा CADD522-RUNX2 प्रोटीन को प्रभावी होने से रोकने के लिए असरकारक पाया गया। वहीं चूहों पर प्रीक्लिनिकल परीक्षणों से पता चला है कि "कैमोथेरेपी या सर्जरी के बिना, नई CADD522 दवा का उपयोग करके मेटास्टेसिस-मुक्त उत्तरजीविता में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस शोध से जुड़े डॉक्टर ग्रीन ने कहा ‘मैं आशावादी हूं कि सर्जरी जैसे अन्य उपचारों के साथ मिलकर, यह इस बीमारी के लिए अधिक प्रभावशाली साबित होगा।" उन्होंने आगे कहा "महत्वपूर्ण रूप से, क्योंकि RUNX2 जीन की आमतौर पर सामान्य कोशिकाओं द्वारा आवश्यकता नहीं होती है, दवा कीमोथेरेपी जैसे दुष्प्रभावों का कारण नहीं बनती है। यह सफलता वास्तव में महत्वपूर्ण है क्योंकि हड्डी के कैंसर का इलाज 45 से अधिक वर्षों से नहीं बदला है।," 

अंतिम स्टेज पर है शोध

गौरतलब है कि इस पर टीम के सभी डेटा को इकट्ठा करने और मानव नैदानिक ​​परीक्षण शुरू करने के अनुमोदन के लिए एमएचआरए से संपर्क करने से पहले दवा अब औपचारिक विज्ञान मूल्यांकन से गुजर रही है।