अहमदाबाद : फ्रीलांस काम का झांसा देकर 16.93 लाख की ठगी, साइबर क्राइम ने पांच जालसाजों को दबोचा

अहमदाबाद : फ्रीलांस काम का झांसा देकर 16.93 लाख की ठगी, साइबर क्राइम ने पांच जालसाजों को दबोचा

16.93 लाख रुपए चुकाने के बाद सामने से फोन आया कि तुम्हे 11 लाख रुपए टैक्स भरना पड़ेगा

आज के आधुनिक युग में इंटरनेट जितना शक्तिशाली हो गया है, इतनी जालसाजों की ताकत बढ़ती जा रही है। लोगों के बैंक खातों से पैसे निकाले जाने की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं। ठगबाज अब एक नए तरीके से ठगी कर रहे हैं। अगर आपको घर से काम करने या फ्रीलांस काम करने का संदेश या कॉल ऑफर मिलता है तो सतर्क हो जाएं। क्योंकि अहमदाबाद में इस तरह के काम के लिए एक शख्स के लिए वीडियो कॉल रिसीव करना महंगा पड़ गया। इस तरह की कॉल से उन्हें 16.93 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

वीडियो को लाइक करने के लिए एक टास्क दिया गया था

साइबर क्राइम में दर्ज शिकायत में शिकायतकर्ता के मोबाइल पर फ्रीलांस काम करने का मैसेज आया। इस मैसेज का लिंक खोलकर उसे यूट्यूब वीडियो लाइक करने की नौकरी ऑफर की गई। इसके बाद उसके मोबाइल पर तीन वीडियो भेजे गए। इसके बाद उनके व्हाट्सएप पर एक लिंक आया। इस लिंक को खोलने के बाद उनका टेलीग्राम लिंक देखा गया। साथ में जॉब कोड और बैंक की जानकारी भेजने को कहा। शिकायतकर्ता ने उसके कहने के अनुसार सभी जानकारियां भेज दी। इसके बाद वे जो वीडियो पसंद किये थे उस वीडियो के 210 रुपए उनके खाते में जमा किए गए। टेलीग्राम पर एक ग्रुप बनाया गया और यूट्यूब वीडियो को लाइक करने का टास्क दिया गया।

उन्हें 50 हजार भरने पर 65 हजार मिलने का झांसा दिया

इस कार्य को पूरा करते-करते शिकायतकर्ता को 50 हजार देकर 65 हजार लेने का झांसा दिया। इसके बाद मामला लाखों रुपये तक पहुंच गया। कार्य पूरा करने से पहले ही शिकायतकर्ता ने 16.93 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था। इसके बाद सामने से कहा गया कि आपका काम पूरा हो गया है। आप रिसेप्शनिस्ट से संपर्क करें और पैसे प्राप्त करें। रिसेप्शनिस्ट ने उन्हें बताया कि आपकी कुल रकम 37.75 लाख रुपए है। इस रकम को लेने के लिए आपको 11 लाख रुपए टैक्स चुकाना होगा। उसके बाद फरियादी के मोबाइल फोन पर कॉल आया और टैक्स भरने को कहा, लेकिन उसने पैसे नहीं दिए क्योंकि उसे शक था कि यहां उसके साथ ठगी हुई है। बाद में उन्होंने साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई।

मुख्य सूत्रधार राजस्थान के अकोला से पकड़ा गया 

इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम सेल ने जांच शुरू की थी। जिसमें साइबर क्राइम ने गूगल से तरह-तरह के लिंक और प्रोफाइल देखकर जानकारी मांगी। जिसमें तकनीकी जांच के बाद सूरत निवासी विशाल दुधेलिया व मुकेश गोटी नामक व्यक्ति की पहचान हुई। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की। इन दोनों अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान पता चला कि वे एक टेलीग्राम समूह में शामिल थे, जिसकी जांच के बाद पता चला कि अभियुक्तों में से अधिकांश राजस्थान में होने की जानकारी मिली। जिससे एक टीम भेजकर जांच की तो राजस्थान के अकोला से मुख्य सूत्रधार राजकुमार यादव, फारूक हुसैन और इमरान मंसूरी को 3.96 लाख रुपये की मुद्दामाल के गिरफ्तार कर लिया।

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