सूरत : इतने सालों बाद होली और धुलेटी के बीच इस बार खाली दिन, जानिए कहां और कब जलेगी होली?

गुजरात में 6 मार्च सोमवार को होली का दहन होगा

सूरत : इतने सालों बाद होली और धुलेटी के बीच इस बार खाली दिन, जानिए कहां और कब जलेगी होली?

8 मार्च बुधवार को देश भर में धुलेटी मनाई जाएगी

तिथि और नक्षत्र गणना पर आधारित हिंदू पंचांग के अनुसार जो कई जुड़वां त्योहारों के बीच एक दिन का अंतराल होना आम बात है। इसी तरह इस बार होली और धुलेटी में गैप है, इसलिए होली जलाने के 24 घंटे बाद धूलेटी मनाई जाएगी। ऐसा ही संयोग 28 साल पहले 1994 में हुआ था जब 26 मार्च को होली मनाई गई थी। इस बार फिर से भद्रा नक्षत्र के कारण ऐसा होने जा रहा है।

1994 में भी ऐसा ही हुआ था। उस साल भी पूर्णिमा तिथि दो दिन की थी और सूर्यास्त के बाद शुरू हुई और अगले दिन सूर्यास्त से पहले समाप्त हो गई। गुजरात में होलिकादहन 6-3-2023 सोमवार को शाम 7 से 9.30 बजे के बीच करना श्रेष्ठ रहेगा।

होली का त्योहार नजदीक आ रहा है। हालांकि, होलिकादहन की तिथि को लेकर काफी भ्रम है। इसके पीछे कारण यह है कि पूनम की तिथि दो दिन लंबी होती है। साथ ही अशुभ काल रहेगा। इसी कारण कुछ पंचांगों में 6 मार्च और कुछ में 7 मार्च को होलिका दहन का उल्लेख है। 

होलिकादहन काशी विश्वनाथ और उज्जैन महाकालेश्वर में 6-7 मार्च को दोपहर 12.40 बजे से शाम 5.56 बजे के बीच होगा। मथुरा-वृंदावन में जहां 7 तारीख की शाम को होली जलाई जाएगी, वहीं पूरे देश में 8 मार्च को धुलेटी यानी रंग क्रीड़ा दिवस होगा। यानी देश के ज्यादातर राज्यों में होली दहन के 24 घंटे बाद ही धुलेटी मनाई जाएगी। गुजरात में होलिकादहन दिनांक 6.3.2023 सोमवार को शाम 7 से 9.30 बजे के बीच करना श्रेष्ठ रहेगा।

होली और धुलेटी के मुहूर्त: कहां और कब जलाई जाएगी होली?:

होली पूजा 6 मार्च की शाम सायंकाल में यानी शाम 6.24 से 8.51 बजे के बीच करना शुभ रहेगा। पूनम 6 मार्च को शाम 4.30 बजे से शुरू होकर 7 तारीख को शाम 6.10 बजे तक रहेगी।  इसके साथ ही भद्रा 6 मार्च की शाम करीब 4 बजकर 18 मिनट से 7 मार्च की सुबह सूर्योदय तक रहेगी। भद्रा का पुच्छ काल 6 तारीख को शाम 4:18 बजे से 9:17 बजे तक रहेगा। अखिल भारतीय विद्वत परिषद और काशी विद्वत परिषद के अनुसार ये तीनों योग कभी कबार ही एक साथ होते  हैं। यदि पूर्णिमा के साथ भद्रा हो तो भद्रा के अंतिम चरण में भी होलिका दहन किया जा सकता है। 

गुजरात में होलिकादहन सोमवार 6 मार्च को

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में छठवीं से सातवीं रात के बीच होली जलाई जाएगी। पंजाब, हरियाणा, रांची और उत्तर प्रदेश में 6 और 7 तारीख यानी दोनों दिन होली जलाई जाएगी।
गुजरात, दिल्ली, पटना और हिमाचल में 7 तारीख की शाम को होलिकादहन होगा। हालांकि 8 मार्च को देश भर में धुलेटी मनाई जाएगी। गुजरात में होलिकादहन दिनांक 6.3.2023 सोमवार को शाम 7 से 9.30 बजे के बीच करना श्रेष्ठ रहेगा।

होली की ज्योत की दिशा से शुभ-अशुभ फल

आमतौर पर होली पूजन में कंकू, चावल, किसी प्रकार का प्रसाद पूजा के रूप में होली की ज्वाला में रखा जाता है और जल से प्रदक्षिणा की जाती है। होली प्रागट्य भद्रारहित करण में की जाती है। भद्रा का अर्थ विष्टि होता है, यह भी ज्ञात होता है कि यदि भद्रा काल में होली प्रागट्य हो तो उस प्रांत के लिए अशुभ फल देती है। होली की ज्योति जिस दिशा में जाती है या आकाश की ओर उठती है, उसी के अनुसार उसका फल प्राप्त होता है। जैसे पूर्व, दक्षिण, पश्चिम, उत्तर, इशान, अग्नि, नैऋत्य, वायव्य आदि से शुभाशुभ बाते उस वर्ष के लिए प्रतीत होते हैं। उसमें गर्मी, वर्षा, सूखा, बाढ़, महामारी, मंहगाई, त्रासदी जैसे शुभाशुभ कार्य उस प्रांत/क्षेत्र में कुछ लोग अनुमान करते रहे हैं। कई प्रांतों में होली की अलग-अलग महिमा और कुछ प्रथाएं/मान्यताएं मनाई जाती हैं।

Tags: Surat