गुजरात : सरकार के सख्त कदम के बाद सूदखोरों पर लगी लगाम! 

सूदखोरों के अत्याचार से लोगों को मुक्त कराने के लिए गुजरात पुलिस ने 3500 लोक दरबार लगाए 

सूदखोरों के खिलाफ गुजरात सरकार की मुहिम से कई परिवारों को राहत मिली है। सूदखोरी के धंधे में लिप्त लोगों पर गुजरात पुलिस पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है। भूपेंद्र पटेल सरकार बनते ही सूदखोरों के खिलाफ पहला अभियान चलाया गया। पुलिस की कार्रवाई के बाद अब सूदखोरों पर लगाम लगी है।

राज्यव्यापी अभियान के दौरान 847 प्राथमिकी दर्ज की गईं

गुजरात पुलिस ने ब्याज के दुष्चक्र को तोड़ने के लिए एक विशेष अभियान चलाया। पुलिस ने राज्य भर में लगभग 3500 लोकदरबारों का आयोजन किया। इन लोकदरबारों में 1.29 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया और अपनी वेदना व्यक्त की। पुलिस कार्रवाई ने हजारों लोगों को ब्याज के भ्रष्टाचार से बचाया। राज्यव्यापी पुलिस अभियान के दौरान 847 प्राथमिकी दर्ज की गईं। 1481 आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज, 1039 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जबकि असामाजिक तत्व समान 27 ब्याजखोरों के खिलाफ पासा के तहत कार्रवाई की गई। सूदखोरों के चंगुल से आजादी के बाद सरकार ने एक और 
राहत दी है। अहमदाबाद में 4 हजार फेरीवालों को ऋण पत्र देकर उन्हें सूदखोरों के पास न जाने पड़े ऐसी मदद की है। 

फेरियाभाइयों को सरकारी योजना के तहत 10, 20 एवं 50 हजार रुपये तक का ऋण देना प्रारंभ किया गया

पुलिस ने फेरीवालों को सरकारी योजना के तहत 10, 20 और 50 हजार रुपये तक का ऋण देना शुरू किया। फेरीवालों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने हर क्षेत्र में लोन मेला लगाए। जिसमें 12 हजार से ज्यादा फेरीवालों ने फार्म भरे थे, जिसके बाद 4200 से ज्यादा फेरीवालों की लोन मंजूर की गई थी। इन सभी को 10, 20 और 50 हजार तक के क्रेडिट कार्ड दिए गए। सरकार एक तरफ सूदखोरों पर नकेल कस रही है तो दूसरी तरफ कर्ज देकर जरूरतमंदों की मजबूरी दूर कर रही है। ऐसे यह प्रयास निश्चित रूप से प्रदेश में स्वस्थ वातावरण बनाने में मददगार साबित होगा।