सूरत  : एनआरआई मैरिज अवेयरनेस सेमिनार का आयोजन किया गया

युवतियों को भी युवक के बारे में सटीक जानकारी हासिल करनी चाहिए

सूरत  : एनआरआई मैरिज अवेयरनेस सेमिनार का आयोजन किया गया

युवतियां जिस देश में शादी करना चाहती हैं वहां की भाषा, खान-पान, संस्कृति, रहन-सहन और घर के माहौल को ध्यान में रखते हुए शादी करें

गुजरात राज्य के अनिवासी गुजराती प्रतिष्ठान और द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और एनआरजी सेंटर-सूरत की एक संयुक्त पहल और उका तरसाडिया विश्वविद्यालय के सहयोग से विदेश में शादी करने की इच्छा रखने वाली युवतियों को मार्गदर्शन दिया गया।

भारत ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं, आजादी का अमृत महोत्सव के जश्न के हिस्से के रूप में गुजरात राज्य के अनिवासी गुजराती प्रतिष्ठान और दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और एनआरजी सेंटर- सूरत ने उका तरसाडिया विश्वविद्यालय के सहयोग से एक संयुक्त आयोजन किया। उका तरसाडिया विश्वविद्यालय, बारडोली में 'एनआरआई विवाह जागरूकता संगोष्ठी' का आयोजन किया गया। जिसमें गांधीनगर के अनिवासी गुजराती प्रतिनिधि रमेश रावल एवं प्रज्ञेश लविंग्या उपस्थित थे। जबकि वक्ता के रूप में सुप्रीम कोर्ट की वकील प्रीति जोशी ने अनिवासी भारतीयों से विवाह के लिए बरती जाने वाली सावधानियों और उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी देकर छात्राओं का मार्गदर्शन किया।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के मानद मंत्री भावेश टेलर ने कहा कि मौजूदा डिजिटल युग में रिश्तों का तेजी से विस्तार होना शुरू हो गया है. जब रिश्ता वैवाहिक संबंध में विकसित होता है तो बहुत सी सावधानियां बरतने की जरूरत होती है और वही शादी का रिश्ता जब विदेश में बसे व्यक्ति के साथ होना हो तो सावधानी और भी जरूरी हो जाती है। एनआरआई से शादी करते समय कुछ सावधानियां अनिवार्य हो जाती हैं, जिन्हें समझाने के लिए यह सेमिनार आयोजित किया गया है।

अनिवासी गुजराती प्रतिष्ठान के प्रतिनिधि रमेश रावल ने कहा कि एनआरजी 1998 में शुरू हुआ था और वर्तमान में गुजरात में छह केंद्र हैं। जिनमें से एक सूरत में चेंबर ऑफ कॉमर्स में काम कर रहा है और इसके माध्यम से काफी अच्छा काम हो रहा है।

वकील प्रीति जोशी ने कहा कि जहां विदेश में बेटियों की शादी का चलन बढ़ा है, वहीं कई ऐसी चीजें हैं जिनका खास ख्याल रखने की जरूरत है। जिस देश में बेटी की शादी होनी है उस देश की भाषा को समझना खासतौर पर जरूरी है। खानपान और संस्कृति का ध्यान रखना होगा। क्योंकि शादी के बाद विदेशी संस्कृति को अपनाना पड़ता है। फिर आपको जीवनशैली का ध्यान रखना होगा। विदेश में सब अपने-अपने काम में लगे हैं तो पड़ोस में कौन रहता है? उन्हें इसका आभास तक नहीं होता। इसके अलावा विदेश में घर के माहौल के हिसाब से एडजस्ट करना पड़ता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए बेटियों को विदेश में शादी करने के बारे में सोचना चाहिए।

शादी से पहले युवक की उम्र, परिवार, शिक्षा, रोजगार, निवास, क्या किसी अपराध में शामिल है? और अगर कोई वीजा लेकर विदेश में नौकरी के लिए गया हो तो उसे वीजा के प्रकार आदि की विशेष जानकारी लेनी चाहिए। उन्होंने लड़कियों को सोशल मीडिया पर अनजान युवकों से चैटिंग से सावधान रहने की सलाह दी क्योंकि कई बार लड़कियां सोशल मीडिया पर युवकों द्वारा पोस्ट की गई प्रोफाइल को देखकर भौतिकवादी हो जाती हैं और उनकी ओर आकर्षित हो जाती हैं और कभी-कभी वे धोखाधड़ी का शिकार भी हो जाती हैं।

कभी-कभी एक युवती को सिर्फ घर का काम करने के लिए शादी में ले जाया जाता है और ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां उसका पति पहले से ही किसी दूसरी युवती से शादी कर चुका है और वहीं रह रहा है। इसलिए किसी के विवाह के प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार नहीं करना चाहिए और उन्होंने युवतियों को किसी भी कागज पर हस्ताक्षर करने से पहले सौ बार सोचने की सलाह दी।

उन्होंने आगे विदेश में शादी करने की इच्छा रखने वाली युवतियों को कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी। जिसमें सामाजिक व्यवस्था से विवाह करने के साथ-साथ विवाह का पंजीयन एवं विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र प्राप्त करना एवं अनिवार्य रूप से रखना, पति से उसकी वर्तमान वैवाहिक स्थिति के बारे में शपथ पत्र बनवाना, विदेश में निवास स्थान पर पहुँचने से पूर्व बीमा कवर प्राप्त करवाना एवं खाता खोलना। विदेश में अपने नाम से बैंक खाता ताकि आपात स्थिति में अपने ही खाते से पैसा निकालने की सलाह दी जा सके।

 

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