गुजरात : मोरबी ब्रिज हादसे में एसआईटी रिपोर्ट में खुलासा, करार में नहीं ली गई थी जनरल बोर्ड की मंजूरी

गुजरात : मोरबी ब्रिज हादसे में एसआईटी रिपोर्ट में खुलासा, करार में नहीं ली गई थी जनरल बोर्ड की मंजूरी

मोरबी नगरपालिका के मुख्य अधिकारी, नगरपालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने अनुबंध के मुद्दे पर ठीक से ध्यान नहीं दिया था

मोरबी पुल हादसे में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ओरेवा कंपनी और मोरबी नगर पालिका के बीच समझौते के लिए जनरल बोर्ड की पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता थी जो नहीं ली गई थी। इसके अलावा इस समझौते के बाद भी आम सभा में सहमति का मुद्दा नहीं उठाया गया था।

वर्टिकल सस्पेंडर का भी परीक्षण नहीं किया गया था

मोरबी नगरपालिका के मुख्य अधिकारी, नगरपालिका अध्यक्ष और मोरबी के झूलता पुल के उपाध्यक्ष ने अनुबंध के मुद्दे पर ठीक से ध्यान नहीं दिया। पुल की मरम्मत का काम सक्षम तकनीकी और विशेषज्ञ से सलाह किए बिना किया गया था। मरम्मत कार्य शुरू करने से पहले मेन केबल और वर्टिकल सस्पेंडर्स का भी परीक्षण नहीं किया गया था। इसके अलावा 49 में से 22 केबल पहले सेो ही खराब हो चुके थे। पुल गिरने से पहले ये तार टूट गए थे और हादसे में बाकी 27 तार टूट गए।

पुराने सस्पेंडर को वेल्डिंग किया गया था

पुराने सस्पेंडर को नए सस्पेंडर के साथ वेल्डिंग किया गया था। ओरेवा कंपनी ने एक अक्षम एजेंसी को काम आउटसोर्स किया था। एसआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, ओरेवा कंपनी, मुख्य अधिकारी, नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ही समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। 

पुल गिरने से 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी

30 अक्टूबर 2022 को गुजरात के मोरबी शहर में माचू नदी पर बना झूलता पुल ढह गया था, जिसमें 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। आरोपी जयसुख पटेल ने मोरबी ब्रिज ढहने को लेकर कोर्ट में बयान दिया कि मोरबी ब्रिज गिरने की घटना खेदजनक है। पुल की मरम्मत के लिए व्यावसायिक गतिविधि का कोई इरादा नहीं था। विरासत को बचाने का काम शुरू किया गया था। रिमांड पूरी होने पर जयसुख पटेल को कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

Tags: Morbi

Related Posts