सर्वे : 32% मोबाइल ग्राहकों को हो रही हैं कनेक्टिविटी में दिक्कत, हो रही हैं कॉल ड्राप जैसी समस्या

सर्वे : 32% मोबाइल ग्राहकों को हो रही हैं कनेक्टिविटी में दिक्कत, हो रही हैं कॉल ड्राप जैसी समस्या

वायरलाइन और वायरलेस सेवाओं की गुणवत्ता पर चर्चा ट्राई ने बुलाई थी मीटिंग

आज के समय लगभग हर शख्स मोबाइल फोन उपभोगता है। ऊपर से स्मार्टफोन और इंटरनेट के इस ज़माने में अब तो 5G का उपयोग शुरू हुआ है। इसके बाद भी 3G-4G के समय में भी लगभग 32 प्रतिशत मोबाइल सेवा ग्राहकों को दिन के अधिकांश समय के लिए नेटवर्क कवरेज में अस्थिरता पाई गई। वहीं सर्वेक्षण में शामिल 69 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें रोजाना कॉल कनेक्शन और ड्रॉप की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

लोकल सर्कल्स के अनुसार, केवल 26 प्रतिशत मोबाइल सेवा ग्राहकों ने कहा कि उनके घर में सभी मौजूदा ऑपरेटरों के लिए अच्छा वॉयस कवरेज है, जबकि 5 प्रतिशत ने कहा कि उनके कार्यस्थल पर तीनों ऑपरेटरों के लिए अच्छा वॉयस कवरेज है। लगभग 20 प्रतिशत ग्राहकों को 50 प्रतिशत से अधिक वॉयस कॉल के लिए कनेक्टिविटी की समस्या का सामना करना पड़ता है।

बैठक में इस बात पर हुई चर्चा 

आपको बता दें कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने वायरलाइन और वायरलेस सेवाओं की गुणवत्ता पर चर्चा करने के लिए 17 फरवरी को मोबाइल फोन ऑपरेटरों के साथ एक बैठक बुलाई थी। LocalCircles ने ट्राई के साथ 5G सेवाओं पर अपने सर्वेक्षण के निष्कर्षों को साझा किया, जिसमें केवल 16 प्रतिशत मोबाइल ग्राहक, जिन्होंने 5G पर स्विच किया था, ने कॉल कनेक्शन और ड्रॉप मुद्दों में सुधार का संकेत दिया है। वहीं ट्राई ने कहा कि 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर में समय लगेगा और 2023 के अंत तक 15-20 गुना हो जाएगा। हालांकि, 4जी की सेवा गुणवत्ता एक चिंता का विषय था जिसे दूर करने के लिए यह ऑपरेटरों के साथ काम कर रहा है।

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