सूरत : एएम/एनएस इंडिया के दो सहयोगी राज्य श्रम पुरस्कार से सम्मानित

बिपिन नेना  राज्य श्रम पुरस्कार और संतोष कुमार राज्य श्रम वीर पुरस्कार से सम्मानित

सूरत : एएम/एनएस इंडिया के दो सहयोगी राज्य श्रम पुरस्कार से सम्मानित

डॉ. अनिल मटू ने कहा कि, "हम बिपिन नेना और संतोष कुमार की उपलब्धियों पर गौरवान्तित है

आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) के 2 सहयोगियों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिष्ठित राज्य श्रम रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दक्षिण गुजरात क्षेत्र में उद्योगों के लिए 16 पुरस्कारों में से एएम/एनएस इंडिया ने 2 पुरस्कार जीते है।

हजीरा में एएम/एनएस इंडिया के 500 मेगावाट पॉवर प्लांट(बिजली संयंत्र) के विद्युत विभाग में सेवारत प्रिंस एंजीटेक के बिपिन नेना को राज्य सरकार के राज्य पुरस्कृत श्रम पारितोषिक (श्रम पुरस्कार) योजना के तहत सर्वोच्च सम्मान राज्य श्रम रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सीआरएम विभाग के एचआरसी डिवीजन में तैनात जगन्नाथ इंटरप्राइजेज के संतोष कुमार को राज्य श्रम वीर पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैं।

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बिपिन नेना राज्य श्रम पुरस्कार और संतोष कुमार राज्य श्रम वीर पुरस्कार से सम्मानित

 

  उन्हें गांधीनगर में राज्य श्रम और रोजगार मंत्री बलवंतसिंह राजपूत द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। राज्य श्रम पुरस्कार में  25,000  रुपये तथा राज्य श्रम वीर पुरस्कार में 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। दोनों को मान्यता प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए। 

एएम/एनएस इंडिया में मानव संसाधन संचालन, आईआर और प्रशासनिक विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल मटू ने कहा कि, "हम बिपिन नेना और संतोष कुमार की उपलब्धियों पर गौरवान्तित है। एएम/एनएस इंडिया में, हम श्रमिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं, और राज्य सरकार से पुरस्कार प्राप्त करने वाले हमारे 2 सहयोगी इसका प्रमाण हैं। एएम/एनएस इंडिया में यह पुरस्कार हम सभी के लिए एक प्रेरणात्मक हैं।"

औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा उत्पादकता, औद्योगिक शांति, कार्यस्थल पर सूझ-बूझ से काम करने तथा उनके नवीनीकरण के कार्यो को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने राज्य पुरस्कृत श्रम परितोषिक (श्रम पुरस्कार) योजना लागू की है। इसमें किसी भी आपदा/आपातकाल की स्थिति में प्रभावित क्षेत्र में बड़े पैमाने पर साथी श्रमिकों और सार्वजनिक संपत्ति को बचाने के लिए उठाए गए कदम और श्रमिकों के कल्याण के लिए किए गए विशेष कार्य को भी ध्यान में लिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर योग्य कर्मियों को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।