75 वर्षीय शख्स ने लगाईं थी अपनी 70 वर्षीय पत्नी से तलाक के लिए अर्ज़ी, अदालत ने समझाकर वापस भेजा
कर्णाटक का है ये मामला, जहाँ बेटियों के कारण अपनी पत्नी से तलाक लेने निकला था ये आदमी
आजकल समाज में शादियों के टूटने और तलाक लेने के मामलों में बहुत बढ़ोतरी हुई है। अक्सर नए उम्र के जोड़े आपसी तालमेल में कमी या अन्य कारणों से ऐसा करते है पर इसी बीच कर्नाटक के मैसूरु जिले में एक बुजुर्ग दम्पति द्वारा तलाक के लिए आवेदन करने से अदालत समेत इलाके में हड़कंप मच गया। हालांकि इस मामले में एक मेगा लोक अदालत कार्यक्रम के दौरान एक न्यायाधीश ने इस जोड़े को अलग करने बजाय साथ लाना बेहतर समझा और उनके द्वारा इस वृद्ध जोड़े को एक साथ लाने की घटना की सभी ने सराहना की है।
क्या है मामला
मामले में मिली जानकारी के अनुसार मैसूर शहर में रहने वाले एक 75 वर्षीय व्यक्ति और उसकी 70 वर्षीय पत्नी की शादी को 35 साल हो चुके थे। इन दोनों की शादी से इनको तीन बेटियां थीं। इन तीनों ने बड़े होने के बाद तीनों ने अपनी पसंद के लोगों से शादी कर ली। ये बात पिता को नागवार गुजरी और उस आदमी ने उनके इस आचरण को अस्वीकार कर दिया और अपनी बेटियों के साथ रिश्ता तोड़ दिया। इतना ही नहीं उस शख्स ने अपनी बेटियों के इस कर्म के लिए अपनी पत्नी को दोषी ठहराया और उसकी आलोचना की।
बेटियों के आचरण से था दुःखी
इस मामले पर जब पत्नी ने अपने पति को समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि अब उनकी शादियां हो चुकी हैं और अब इस बारे में कुछ नहीं किया जा सकता है। इस पर उस व्यक्ति ने पारिवारिक अदालत में तलाक के लिए अर्जी दी। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीएस संग्रेशी ने 11 फरवरी को आयोजित मेगा लोक अदालत कार्यक्रम में दंपति की काउंसलिंग की और पति को अपनी उम्र में पत्नी के प्रति कड़वाहट नहीं रखने के लिए राजी किया। वह आदमी सहमत हो गया और उसने तलाक की अर्जी वापस ले ली।
36 जोड़ों ने ली तलाक की अर्ज़ी वापस
गौरतलब है कि इस अदालत में एक के बाद एक ऐसे 36 जोड़ों को तलाक की अर्ज़ी वापस लेने के लिए राजी किया गया। इस बारे में न्यायाधीश ने कहा कि तलाक के लिए आवेदन करने वाले 36 जोड़े अपनी याचिका वापस लेने और साथ रहने पर सहमत हुए।