अहमदाबाद : हाईकोर्ट सख्त; सरकार से गुजराती नहीं पढ़ाने वाले विद्यालयों की मांगी सूची

अहमदाबाद : हाईकोर्ट सख्त; सरकार से गुजराती नहीं पढ़ाने वाले विद्यालयों की मांगी सूची

गुजराती विषय की पढ़ाई कराने में स्कूलों को क्या दिक्कत है : गुजरात हाई कोर्ट

राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में गुजराती भाषा के अनिवार्य शिक्षण के संबंध में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसके आधार पर शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट ने सरकार पर टिपप्णी की है। हाईकोर्ट ने गुजराती नहीं पढ़ाने वाले स्कूलों की सूची उपलब्ध कराने का आदेश दिया। हाईकोर्ट की ओर से कहा गया था कि गुजराती पढ़ाई कराने में स्कूलों को क्या दिक्कत है? गुजराती नहीं पढ़ाने वाले स्कूलों को सरकारी नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है।

राज्य के 23 स्कूलों में अनिवार्य रूप से गुजराती भाषा नहीं पढ़ाई जाती 

पिछली सुनवाई में सरकार ने हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि राज्य के 23 स्कूलों में गुजराती भाषा अनिवार्य रुप से नहीं पढ़ाई जाती है। अब सर्कुलर का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर, दावा किया गया है कि राज्य के 109 स्कूलों में अनिवार्य रूप से गुजराती नहीं पढ़ाई जा रही है। हाईकोर्ट ने पूर्व में जोर देकर कहा था कि सरकार की नीति का सख्ती से पालन करना होगा।

सरकार ने मातृभाषा अभियान के तहत 2018 में नीति बनाई थी

इससे पहले हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि सरकारी स्कूलों में गुजराती भाषा नहीं पढ़ाई जाती है, जिससे बच्चे का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता है। मातृभाषा अभियान के तहत सरकार ने 2018 में सभी सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में गुजराती भाषा को प्राथमिकता देने की नीति बनाई है। बावजूद इसके कई स्कूलों गुजराती भाषा नहीं पढ़ाया जाता हैं। दुख की बात यह है कि गुजराती छात्र अपनी मातृभाषा नहीं सीख पाते हैं।