अहमदाबाद : शिक्षा बोर्ड का सामान्य सभा में निर्णय, शिक्षकों के ड्रेस कोड की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन को सौंपी

अहमदाबाद : शिक्षा बोर्ड का सामान्य सभा में निर्णय, शिक्षकों के ड्रेस कोड की जिम्मेदारी  स्कूल प्रशासन को सौंपी

शिक्षकों के अनुचित व्यवहार के लिए स्कूल संचालक जिम्मेदार होंगे, सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में कंप्यूटर शुल्क को तीन गुना बढ़ाया

गुजरात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की शनिवार को आम बैठक हुई। जिसमें आठ मुद्दों पर चर्चा हुई। इन आठ बिंदुओं में से पांच बिंदुओं को बरकरार रखा गया और तीन बिंदुओं को खारिज करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा वर्ष 2023-24 के लिए 186 करोड़ रुपये के बजट को  शिक्षा बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। अब तक, राज्य सरकार के स्वामित्व वाले स्कूल छात्रों से कंप्यूटर के लिए प्रति माह 50 रुपये शुल्क लेते थे। हालांकि, आम सभा में कंप्यूटर की मासिक फीस बढ़ाकर 400 रुपये करने की मांग की गई। इस मुद्दे पर चर्चा के अंत में मासिक कम्प्यूटर शुल्क 400 रुपये के स्थान पर घटाकर 150 रुपये कर दिया गया। हालांकि, 50 की जगह 150 रुपये चार्ज करने से फीस तीन गुना हो गई है।

सर्टिफिकेट और मार्कशीट डिजिटल लॉकर में रखे जाएंगे

शिक्षा बोर्ड की आम बैठक में विद्यार्थियों के अंकपत्र सहित प्रमाण पत्र संग्रह करने को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा प्रमाणपत्रों को डिजिटल रूप से स्टोर करने का निर्णय लिया गया है। जिसे सामान्य सभा में भी मंजूरी भी मिल चुकी है। अब से छात्रों के प्रमाण पत्र और अंक पत्र डिजिटल लॉकर में रखे जाएंगे। शिक्षा बोर्ड की आम बैठक में शिक्षकों के ड्रेस कोड के मुद्दे पर चर्चा की गई। शिक्षा बोर्ड को शिक्षकों के लिए एक ड्रेस कोड तैयार करना था। बोर्ड में हुई गरमागरम चर्चा के आधार पर बोर्ड ने शिक्षकों को कौन से कपड़े पहनाने की जिम्मेदारी स्कूल संचालकों को सौंपी है।  शिक्षा बोर्ड का मानना ​​है कि शिक्षकों को भारतीय संस्कृति के अनुसार कपड़े पहनने चाहिए, लेकिन बोर्ड के प्रशासकों को शिक्षा संघ के सामने पीछे हटना पड़ा और आखिरकार स्कूलों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे यह तय करें कि शिक्षकों को कैसे कपड़े पहनने चाहिए।

शिक्षकों की आचार संहिता पर चर्चा हुई

इस बैठक में आचार संहिता पर चर्चा हुई। सामान्य रुप से शिक्षा में अभी तक कक्षा 1 से 9 तक के विद्यार्थियों के लिए आचार संहिता थी। अब 10वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए आचार संहिता लागू होगी। इसके अलावा सामान्य सभा में शिक्षकों की आचार संहिता पर भी चर्चा हुई। हालांकि, बोर्ड शिक्षकों के व्यवहार व आचार संहिता की जिम्मेदारी नहीं लेते हुए उसने स्कूल प्रशासकों को आचार संहिता की जिम्मेदारी सौंपी है। निर्णय लिया गया कि यदि शिक्षक किसी प्रकार का दुर्व्यवहार करते हैं तो इसके लिए विद्यालय प्रबंधन जिम्मेदार होगा।

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