गुजरात : श्रमिक अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत हर दिन 11 हज़ार निर्माण श्रमिक केवल 5 रुपए में प्राप्त कर रहे हैं भोजन

गुजरात : श्रमिक अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत हर दिन 11 हज़ार निर्माण श्रमिक केवल 5 रुपए में प्राप्त कर रहे हैं भोजन

राज्य के 7 ज़िलों में 99 श्रमिक नाकों पर भोजन की व्यवस्था, चार महीनों में 3 लाख से अधिक श्रमिकों ने लिया लाभ

सरकार अंतिम छोर के मानव तक सुख-सुविधाएँ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ नागरिकों तक पहुँच भी रहे हैं। हाल में श्रमिक अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों (कंस्ट्रक्शन लेबर्स) को केवल 5 रुपए में भोजन दिया जाता है। कोविड महामारी के पश्चात् अक्टूबर-2022 में इस योजना के अंतर्गत कामकाज पुन: शुरू किया गया था और केवल चार महीनों की अवधि में 3 लाख 90 हज़ार से अधिक निर्माण श्रमिक इस योजना का लाभ ले चुके हैं। नए वर्ष 2023 के दूसरे महीने से यानी फ़रवरी माह के आरंभ से ही अब दैनिक भोजन प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या 11 हज़ार हो गई है।

अब 100 से अधिक श्रमकों वाली साइट पर भोजन की डिलीवरी भी शुरू की गई है

श्रमिकों की सुख-सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा अब भोजन की डिलीवरी भी शुरू की गई है। जिन कंस्ट्रक्शन साइट्स पर सर्वाधिक श्रमिक काम करते हों, वहाँ भोजन की डिलीवरी होती है। हाल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अहमदाबाद तथा गांधीनगर की 9 साइट्स पर डिलीवरी शुरू की गई है। इस योजनांतर्गत राज्य में कुल 7 ज़िलों में 99 कडियानाका (श्रमिक नाकों) पर भोजन प्रदान किया जा रहा है। इनमें अहमदाबाद में 47, गांधीनगर में 4, वडोदरा में 12, सूरत में 18, नवसारी में 3, राजकोट में 9 एवं मेहसाणा में 6 श्रमिक नाके शामिल हैं।

आगामी समय में भावनगर में 4, वलसाड में 6 तथा पाटण में 1 श्रमिक नाकों पर शीघ्र ही यह योजना आरंभ की जाएगी

योजनांतर्गत श्रमिकों को भोजन में दलहन (कठोळ) की सब्ज़ी, आलू तथा मिक्स सब्ज़ी, रोटी, चावल, अचार,मिर्च, गुड़; हर गुरुवार को खिचडी-कढी तथा सप्ताह में एक बार सुखडी (आटे व घी से बनने वाला मीठा व्यंजन) अथवा हल्वा दिया जाता है। हाल में सरकार की ओर से प्रति भोजन 37 रुपए की सब्सिडी का भुगतान कर केवल 5 रुपए में श्रमिकों को भोजन प्रदान किया जाता है। आगामी समय में भावनगर में 4, वलसाड में 6 तथा पाटण में 1 श्रमिक नाकों पर शीघ्र ही यह योजना आरंभ की जाएगी और उसके बाद और निर्माण साइटों पर भी योजना का विस्तार करने का आयोजन है।

ई-निर्माण कार्ड से श्रमिक प्राप्त कर सकेंगे भोजन

श्रमिक अन्नपूर्णा योजना के सभी केन्द्रों पर ई-निर्माण कार्ड की सहायता से भोजन प्राप्त किया जा सकेगा। कार्ड का क़्यूआर (QR) कोड स्कैन करा कर टिफ़िन या स्थल पर ही एक प्रहर का भोजन प्राप्त किया जा सकेगा। जिन लाभार्थियों के पास ई-निर्माण कार्ड नहीं होगा, उन निर्माण श्रमिकों का बूथ पर ही अस्थायी रूप से पंजीकरण होता है, जिसके बाद वे 15 दिनों तक भोजन प्राप्त कर सकते हैं।

सरकार अंतिम छोर के मानव तक अपनी सेवाएँ पहुँचाने को प्रतिबद्ध

श्रम, कौशल्य विकास एवं रोज़गार विभाग की प्रधान सचिव डॉ. अंजू शर्मा ने कहा कि “सरकार की प्राथमिकता ही यह रही है कि समाज के अंतिम छोर तक योजनाएँ पहुँचें तथा हर ज़रूरतमंद व्यक्तियों का उन योजनाओं का अधिकतम् लाभ मिल सके। यह ख़ुशी की बात है कि इस योजना का अब तक 3 लाख 90 हज़ार से अधिक श्रमिक लाभ ले चुके हैं। फ़रवरी के आरंभ में ही दैनिक लाभार्थियों की संख्या 11 हज़ार हो गई है। हमने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में साइट्स पर फ़ूड डिलीवरी भी शुरू कराई है। आगामी दिवसों में इस योजना का और विस्तार किया जाएगा तथा नागरिकों को इसका अधिकतम् लाभ 
मिलेगा।”